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यौन अपराधी को जमानतः पीड़ित अमेरिकी महिला का वीडियो वायरल, फिल्मी हस्तियों ने किया समर्थन

यौन अपराध के आरोपी को दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिलने और उसे दी गई सात साल की सजा निलंबित किए जाने से...
यौन अपराधी को जमानतः पीड़ित अमेरिकी महिला का वीडियो वायरल, फिल्मी हस्तियों ने किया समर्थन

यौन अपराध के आरोपी को दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत मिलने और उसे दी गई सात साल की सजा निलंबित किए जाने से नाराज अपराध की पीड़ित अमेरिकी महिला ने एक वीडियो जारी किया। इसके बाद फिल्म अभिनेता फरहान अख्तर और अर्जुन रामपाल इस महिला के समर्थन में आ गए और ट्विटर पर उन्होंने बलात्कारी को जमानत न देने की अपील की। अभिनेता के सामने आने के बाद चर्चाओं में आया यह मामला ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा। महिला ने कहा है कि सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय कोंसुलेट ने भी उसे कोई सहायता नहीं दी। अमेरिकी महिला का शिकायती वीडियो वायरल हो गया।

2013 में दिल्ली में हुआ था यौन अपराध

2013 में यह अमेरिकी महिला दक्षिण दिल्ली के एक मकान के रूप में रह रही थी। उसी समय राजीव पंवार ने उसका यौन उत्पीड़न (डिजिटल रैप) किया। इसकी शिकायत उसने जून 2013 में दर्ज कराई। निचली अदालत ने इस साल फरवरी में दोषी ठहराते हुए सात साल की सजा सुनाई। अगर कोई व्यक्ति अपनी अंगुली का इस्तेमाल करके बलात्कार करता है तो उसे डिजिटल रैप कहते हैं।

आरोपी को हाई कोर्ट से जमानत, सजा निलंबित

पंवार ने निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट ने चुनौती थी। इस पर हाई कोर्ट ने 5 जुलाई को 25,000 रुपये के निजी मुचलके पर उसे जमानत दे दी। यही नहीं, अदालत ने कहा कि इस अपील के निस्तारण में समय लग सकता है, इसलिए निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को निलंबित किया जाता है।

सजा के बावजूद जमानत मिलने पर महिला को आपत्ति

हाई कोर्ट के फैसले से नाराज महिला ने सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय कोंसुलेट के बाहर एक वीडियो शूट किया, जिसमें उसने कहा कि भारत में उस व्यक्ति को सजा मिलने के बाद भी जमानत मिल गई जिसने उसका यौन उत्पीड़न किया। वीडियो में पीड़ित ने कहा कि उस पर क्रूरतापूर्वक हमला करने के आरोपी को जुर्म के लिए सजा मिलना सुनिश्चित करने के लिए उसने लंबी लड़ाई लड़ी। लेकिन हाल में पता चला कि अपील करने पर आरोपी को जमानत मिल गई। अमेरिकी महिला ने 2013 की घटना का ब्यौरा देते हुए कहा कि आप ऐसे व्यक्ति को जमानत नहीं दे सकते हैं जिसे सजा दी जा चुकी है।

सैन फ्रांसिस्को के भारतीय कोंसुलेट से भी शिकायत

सैन फ्रांसिस्कों के कोंसुलेट के बारे में उसने वीडियो में कहा कि वह सैनफ्रांसिस्को कोंसुलेट गई, वहां उसे फॉर्म को नोटराइज करवाना था ताकि दिल्ली हाई कोर्ट को पता चल सके कि मेरा अटॉर्नी कौन है और मैं वहां आई थी। लेकिन मुझे सर्विस देने से इन्कार कर दिया गया। दोबारा जाने पर कोंसुलेट द्वारा बताया गया कि उसे स्थानीय स्तर पर ही नोटराइज करवाना है और उसके बाद नोटरी का वैरिफिकेशन भी कराना होगा।

दिल्ली हाई कोर्ट ने पाबंद भी लगाई

दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस चंद्र शेखर ने सजा को निलंबित करते हुए कहा था कि आरोपी कस्टडी में पहले ही पांच माह गुजार चुका है। अमेरिकी महिला की ओर से पेश हुईं एडवोकेट करुणा नंदी ने कहा था कि पंवार को अदालत की अनुमति के बिना दिल्ली एनसीआर से बाहर जाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए और अपील पर फैसला भी जल्दी किया जाना चाहिए। अदालत ने दिल्ली एनसीआर से बाहर जाने के लिए अनुमति लेने की शर्त लगा दी। अदालत ने शिकायतकर्ता से किसी भी माध्यम से संपर्क न करने के लिए भी आरोपी को निर्देश दिया। अगर वह ऐसा करता है तो समुचित कार्रवाई और आदेश के लिए पीड़त की वकील अदालत में आवेदन कर सकता है।

महिला को अभियोजक बनने की इजाजत नहीं

महिला की ओर से यह आवेदन भी लगाया गया कि उसे अपील में अभियोजन के तौर पर शामिल किया जाना चाहिए। इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि महिला की शिकायत पर राज्य सरकार ने केस दर्ज करवाया था। निचली अदालत में मुख्य केस की सुनवाई के समय भी महिला पक्षकार नहीं थी। इसलिए महिला को अभियोजक बनाए जाने की आवश्यकता है। लेकिन कानून के मुताबिक उसे केस में प्रार्थना करने का अधिकार होगा।

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