फ्रांस में भारत के मौजूदा राजदूत और कुछ वर्ष पहले वाशिंगटन में डिप्टी चीफ रहे अरुण सिंह इस दौड़ में सबसे आगे हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि जब तक उनका नाम घोषित नहीं हो जाता, तब तक कुछ बताना मुश्किल है।
इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रह चुके हरदीप सिंह के नाम पर भी चर्चा चल रही है। उनकी दावेदारी इसलिए भी मजबूत बताई जा रही है कि हाल ही में वह भारतीय जनता पार्टी के के साथ जुड़े हैं। पूर्व सचिवों श्याम सरन और कंवल सिब्बल भी वाशिंगटन के इस प्रतिष्ठित पद के दावेदार माने जा रहे हैं। लेकिन सबसे ताकतवर देश का राजदूत बनने की उम्मीदवारी यहीं खत्म नहीं होती क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमेशा लीक से हटकर फैसला किया है।
लिहाजा, कारोबारी समूह या किसी औद्योगिक घराने से भी यदि कोई हस्ती अमेरिकी राजदूत बन जाता है तो कोई आश्चर्य नहीं। अमेरिका में पिछले राजदूत सुब्रमण्यम जयशंकर के पिछले महीने ही विदेश सचिव बन जाने से यह पद खाली हुआ है और ओबामा की भारत यात्रा के बाद प्रगाढ़ हुए भारत-अमेरिकी रिश्ते के मद्देनजर यह पद और ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है।