अमेरिका ने चेतावनी दी है कि अगर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में होने वाली वार्ता “ठीक नहीं होती” तो भारत पर अतिरिक्त ‘सेकेंडरी टैरिफ’ लगाया जा सकता है। अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा कि ट्रम्प प्रशासन पहले ही भारत के लिए कुल 50% आयात शुल्क लागू कर चुका है, 25% सामान्य और 25% अतिरिक्त, जिसका आधार रूसी तेल आयात है।
अब अगर ट्रम्प-पुतिन वार्ता असफल रही तो इन शुल्कों में और बढ़ोतरी हो सकती है। बेसेंट ने यूरोपीय देशों से भी इस दिशा में सहयोग की अपील करते हुए कहा कि उन्हें ‘put up or shut up’ यानी “आगे आओ या चुप रहो” का फैसला करना होगा। यह कदम स्पष्ट करता है कि अमेरिका रूस-यूक्रेन शांति वार्ता से पहले भारत को रणनीतिक और आर्थिक दबाव में रखने की नीति अपना रहा है।
साथ ही, यह संदेश भी दे रहा है कि अमेरिका-रूस संबंधों में भारत की भूमिका और उसके रूसी ऊर्जा खरीद पर अमेरिका कड़ी नजर रखे हुए है। इस चेतावनी के बाद भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर दीर्घकालिक असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।