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पाकिस्तान में होगा 'आर्मी रॉकेट फोर्स' का गठन, स्वतंत्रता दिवस पर शहबाज शरीफ ने किया ऐलान

पाकिस्तान ने एक नई फोर्स, आर्मी रॉकेट फोर्स के गठन की घोषणा की है, जो उन्नत प्रौद्योगिकी से लैस है और...
पाकिस्तान में होगा 'आर्मी रॉकेट फोर्स' का गठन, स्वतंत्रता दिवस पर शहबाज शरीफ ने किया ऐलान

पाकिस्तान ने एक नई फोर्स, आर्मी रॉकेट फोर्स के गठन की घोषणा की है, जो उन्नत प्रौद्योगिकी से लैस है और जिसका उद्देश्य उसकी युद्ध क्षमताओं को मजबूत करने में एक "मील का पत्थर" साबित होगा।

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार देर रात 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तथा भारत के साथ हाल ही में हुए चार दिवसीय सैन्य टकराव की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में यह घोषणा की।

प्रधानमंत्री शरीफ ने आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड के गठन की घोषणा करते हुए कहा, "यह देश की सैन्य प्रतिक्रिया क्षमता की उन्नति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।"

हालांकि, उन्होंने नये बल या उसकी जिम्मेदारियों के बारे में कोई और जानकारी नहीं दी।

पाकिस्तान का नया बल स्पष्ट रूप से उसके सदाबहार सहयोगी चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स से प्रेरित है, जो भूमि आधारित बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक, क्रूज मिसाइलों के शस्त्रागार को नियंत्रित करता है, जिसमें परमाणु और पारंपरिक दोनों प्रकार की मिसाइलें शामिल हैं। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय तथा विदेशी गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने मई में पाकिस्तान और भारत के बीच हुए सैन्य टकराव को एक "बड़ी जीत" बताया और भारत की परमाणु शक्ति के जवाब में देश की परमाणु क्षमता को एक रणनीतिक आवश्यकता बताया।

उन्होंने दावा किया कि "केवल चार दिनों में, भारत का अहंकार चकनाचूर हो गया..." उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रति आभार व्यक्त किया, जिसे उन्होंने "भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम को सुगम बनाने" के लिए कहा, और इस बात पर जोर दिया कि कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार हल किया जाना चाहिए।

भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया गया, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।

भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद संघर्ष समाप्त करने के लिए 10 मई को सहमति बनी।भारत लगातार यह कहता रहा है कि पाकिस्तान के साथ शत्रुता समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी है।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री शरीफ ने भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान के रुख का समर्थन करने के लिए चीन, सऊदी अरब, तुर्की, अजरबैजान, संयुक्त अरब अमीरात और ईरान सहित मित्र देशों के प्रति आभार भी व्यक्त किया।

शरीफ ने सभी राजनीतिक दलों, हितधारकों और नागरिक समाज से राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए एकजुट होने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित चार्टर महज एक आर्थिक पुनरुद्धार योजना नहीं है, बल्कि व्यापक राष्ट्रीय हित पर आधारित एक रूपरेखा है।

शरीफ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में "अद्वितीय बलिदान" दिया है, जिसमें 90,000 लोगों की जान गई और 150 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का आर्थिक नुकसान हुआ।

अपनी सरकार की आर्थिक सफलता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति 34% से घटकर 5% हो गई है तथा ब्याज दर 21% से घटकर 11% हो गई है।

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