इंडोनेशिया के पूर्वी आचे प्रांत में लांज्ञा तलाश एवं बचाव एजेंसी के प्रमुख खैरल नोवे ने प्रवासियों की एक नौका का जिक्र करते हुए कहा, उनके शरीर में पानी की कमी हो गई है। वह कमजोर हैं और भूख से व्याकुल हैं। इस नौका में 26 महिलाओं और 31 बच्चों समेत 102 लोग ठसाठस भरे हुए थे। उन्होंने कहा कि यह नौका मंगलवार देर रात पहुंची।
इसके अलावा इंडोनेशिया की आठ अन्य नौकाएं 272 प्रवासियों को लेकर बुधवार सुबह पहुंची। एक प्रवासी उबयदुल हक (30) ने बताया कि नौका का इंजन खराब हो गया था और कप्तान भाग गया जिसके बाद वह चार महीने तक समुद्र में फंसे रहे। उन्हें इंडोनेशियाई मछुआरों ने ढूंढा और किनारे पर लेकर आए।
उन्होंने कहा, हमारे पास भोजन नहीं था। हम मलेशिया में प्रवेश करना चाहते थे लेकिन उन्होंने हमें अनुमति नहीं दी। इंडोनेशिया की विदेश मंत्री रेत्नो मरसुदी ने मंगवार को देर रात कहा था कि देश ने मानव तस्करों के कारण नौकाओं में फंसे सैकड़ों रोहिंज्ञा और बांग्लादेशी प्रवासियों की मदद के लिए उससे अधिक किया है, जो उसे करना चाहिए था।
इसके कुछ ही देर बाद समुद्र में फंसे प्रवासियों को बचाया गया। विदेश मंत्री ने राष्ट्रपति भवन में कैबिनेट की बैठक के बाद कहा, अनियमित प्रवास एक या दो देशों की समस्या नहीं है। यह एक क्षेत्रीय समस्या है जो अन्य स्थानों पर भी पैदा होती है। यह एक वैश्विक समस्या भी है।