13वें आसियान सम्मेलन में हिस्सा लेने गए पीएम नरेंद्र मोदी की अपने जापानी समकक्ष शिंजो एबे से मुलाकात के दौरान भारत का झंडा उल्टा लगाने का मामला सामने आया है। उस वक्त पीएम मोदी जापान के पीएम शिंजो एबे से हाथ मिला रहे थे। इस दौरान दोनों देशों का झंडा लगाया गया था, लेकिन तिरंगा उल्टा लगा हुआ था। वहां लगे तिरंगे में केसरिया रंग नीचे और हरा रंग ऊपर नजर आ रहा था। हालांकि, जापानी पीएम आबे काफी देर तक भारत के उल्टे झंडे को गौर से देखते रहे लेकिन भारत के पीएम मोदी की नजर इतनी बड़ी गलती पर नहीं पड़ी। इस मसले पर काफी विवाद खड़ा हो गया और पीएम मोदी आलोचकों के निशाने पर आ गए। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर तिरंगा सीधा करने के लिए इस तस्वीर को ही उलट कर शेयर करना शुरू कर दिया।
हालांकि बाद में गलती का पता चलने पर तिरंगे को सही किया गया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। इस मामले में अभी तक विदेश मंत्रालय का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस घटना के बाद प्रधानमंत्री के सामने हुए तिरंगे के अपमान को लेकर लोग तमाम सवाल खड़े कर रहे हैं। देखते-देखते सीधे तिरंगे वाली उल्टी तस्वीर वायरल होने लगी। बाद में पीआईबी ने एक अलग फोटो जारी कर डैमेज कंट्रोल की कोशिश की जिसमें दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाकात के दौरान भारत का राष्ट्रीय ध्वज सीधा नजर आ रहा था। जबकि घटना के वीडियो में भी उल्टा तिरंगा साफ दिख रहा है।
उधर विपक्षी पार्टियों ने भी तिरंगे के अपमान की घटना पर मोदी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया। कांग्रेस की ओर से पीएम पर निशाना साधते हुए पार्टी नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने ट्वीट किया है कि 'इंटरनेशनल फोरम में ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए। मोदी झंडा नहीं कैमरा देखने में ज्यादा भरोसा रखते हैं। यह अपमानजनक है।'