ब्रिटेन के लिए यूरोपियन यूनियन से अलग होना यानी ब्रेक्जिट को लागू करना उम्मीद से कहीं ज्यादा पेचीदा और मुश्किल भरा हो गया है। थेरेसा मे के जाने के बाद बोरिस जॉनसन के प्रधानमंत्री बनने से उम्मीद बनी थी कि वे सम्मानजनक ब्रेक्जिट डील का रास्ता बना लेंगे लेकिन पिछले सप्ताह उन्हें शायद अपने जीवन की सबसे कठिन अपमानजनक दौर से गुजरना पड़ा। संसद में बहुमत गंवाने के बाद उनका ब्रेक्जिट प्रस्ताव भी गिर गया। अब इस बात की सबसे ज्यादा संभावना है कि अगर ब्रिटेन सरकार यूरोपियन यूनियन के साथ कोई डील नहीं कर पाती है तो नो-डील ब्रेक्जिट की संभावना को खत्म करने के लिए एक विधेयक संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लार्ड्स से शुक्रवार को पारित कराया जाए।
हाउस ऑफ कॉमंस से विरोधियों का बिल पास
सभी विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने इस विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। इसे निचले सदन हाउस ऑफ कॉमंस से मंजूरी मिल चुकी है। इसे निचले सदन में 327 में से 299 वोट मिले। यह ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के लिए करारी हार थी। अब इसे उच्च सदन का सामना करना है।
हाउस ऑफ लॉर्ड्स में कल पेश होगा बिल
कुछ विपक्षी नेताओं को डर है कि हाउस ऑफ लॉर्ड्स में सरकार समर्थक सांसद इसे पारित करने में बाधा डाल सकते हैं लेकिन कंर्वेटिव पार्टी के हाइड के सांसद लॉर्ड एश्टन इन आशंकाओं को विराम देते हैं। वह कहते हैं कि सदन में आज की कार्यवाही स्थगित करने पर सहमति बनी है। विधेयक पारित कराने के लिए एक नया प्रस्ताव कल छह सितंबर को पेश किया जाएगा और शाम पांच बजे तक सभी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी। इस मुद्दे पर पूरी रात बहस करने के बाद गुरुवार की सुबह सांसदों के बीच सहमति बनी है।
संसद सत्र खत्म होने से पहले पारित कराना आवश्यक
एक रिपोर्ट के अनुसार इस कदम का आशय है कि लेबर सांसद हिलेरी बेन द्वारा प्रस्तुत विधेयक के बाद सरकार को ब्रेक्जिट की अवधि बढ़वाने की मांग करनी होगी, अगर वह मौजूदा वापस हुए विधेयक में वांछित बदलाव नहीं करवा पाती है। संसद सत्र खत्म होने से पहले नए विधेयक को सोमवार तक पारित करवाकर कानून में तब्दील करना होगा।
ब्रेक्जिट 31 अक्टूबर के बाद लागू होगा
ब्रेक्जिट से पहले संसद का सत्र पांच सप्ताह के लिए स्थगित करने के जॉनसन के फैसले से विपक्षी दलों को एकजुट होने और उनकी खुद की पार्टी में मतभेद पैदा होने का अवसर मिला। ब्रेक्जिट की अवधि 31 अक्टूबर को पूरी हो रही है। तब तक ब्रिटेन को यूरोपियन यूनियन से डील करके कानून पारित करवाना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है और नया बिल पारित हो जाता है तो ब्रेक्जिट की अवधि बढ़वानी होगी।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    