कहते हैं इंसान गलतियों से ही सीखता है। इसी को ध्यान में रखकर फ्रांस की संसद ने एक ऐसा कानून पास किया है जो नागरिकों को सरकारी कामकाज के दौरान गलती का अधिकार देता है। “राइट टू मिस्टेक्स” नामक इस कानून के तहत गलती करने पर दंड नहीं मिलेगा। हालांकि माफी केवल एक गलती के लिए मिलेगी और वो भी तब जब इसके पीछे बुरी नीयत नहीं हो। यह साबित करना अधिकारियों का काम होगा कि गलती जानबूझकर की गई है।
इस कानून को सरकार ने विश्वसनीय समाज की "आधारशिला" बताया है। यह कानून फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्यूएल मैक्रों के सुधार एजेंडे में शामिल रहा है। राष्ट्रपति चुनाव प्रचार अभियान के दौरान उन्होंने कहा था कि प्रशासन के साथ काम करने के दौरान लोगों के पास अच्छी नीयत के साथ गलती करने का अधिकार होना चाहिए। कानून पास होने के बाद फ्रांस के पब्लिक एक्शन एंड एकाउंट्स मंत्री जेराल्ड डरमना ने ट्वीट कर इसे नागरिकों और प्रशासन के संबंधों के लिहाज से क्रांतिकारी बताया।
उन्होंने कहा,“गलतियां करना मानव का स्वभाव है लेकिन सरकार की ओर से इसमें माफी और रियायत सिर्फ पहली गलती तक ही सीमित रहेगी।” संसद में बहस के दौरान एक मंत्री ने कहा कि सरकार ने उन लोगों की बात सुनी है जो सरकारी सेवाओं को तो पसंद करते हैं लेकिन प्रशासन को नहीं। हालांकि इस कानून को अमलीजामा पहनाने के लिए अभी कई अनुच्छेदों में बदलाव करना होगा। स्वास्थ्य, पर्यावरण, सुरक्षा जैसे कुछ मामले “गलती के अधिकार” के दायरे में नहीं आएंगे।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    