Advertisement

आईएमएफ डिफाल्‍ट के बाद यूनान ने ईयू से मांगा नया कर्ज

आईएमएफ के कर्ज में डिफाल्‍ट करने वाला पहला विकसित देश बनने के बाद यूनान ने यूरोपीय संघ से नया कर्ज मांगा है।
आईएमएफ डिफाल्‍ट के बाद यूनान ने ईयू से मांगा नया कर्ज

ब्रसेल्स। अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का 1.7 अरब डॉलर का कर्ज चुकाने में नाकाम रहने के बाद यूनान ने अब यूरोपीय संघ से नया कर्ज मांगा है। यूनान के प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक वह यूरोपीय स्थिरता प्रणाली से 29.1 अरब यूरो की मांग कर रहा है ताकि अगले दो साल की उसकी वित्तीय जरूरत पूरी हो सके और साथ ही कर्ज का पुनर्गठन हो सके। हालांकि संकट में फंसे यूनान को ऋण देने वालों ने ताजा योजना पर ठंडा पानी डाल दिया है।

यूनान के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस ने यूरो क्षेत्र के मंत्रियों के समक्ष नया सुधार प्रस्ताव रखा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के कर्ज के भुगतान में असफल रहने के बाद यूनान ने यह प्रस्ताव रखा है। यूरोपीय संघ के मंत्री वामपंथी प्रधानमंत्री के ताजा प्रस्ताव पर विचार करेंगे। हालांकि, जर्मनी के वित्त मंत्री वोल्फगांग शाएयुबल ने सभी प्रकार की बातचीत को सिरे से खारिज कर करते हुए कहा है कि प्रोत्साहन पैकज की शर्तों पर जनादेश से पहले कोई समझौता संभव नहीं है। उन्होंने बर्लिन संवाददाता सम्मेलन में कहा, सबसे पहले यूनान को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी आखिर वह क्या चाहता है और तब उसके बाद हम बातचीत करेंगे....। 

दरसअल, यूनान इस समय गंभीर आर्थिक संकट में फंसा हुआ है और पूरे सप्ताह उसके बैंक बंद रहेंगे। हालांकि बजुर्गों को पेंशन के भुगतान के लिये करीब हजारों शाखाएं खुली रहीं। प्रधानमंत्री सिपरस ने यूनान के प्रस्ताव को उन संस्थानों के प्रमुखों को भेजा जिन्होंने 2010 से यूरोपीय देश को मिले 240 अरब यूरो के दो प्रोत्साहन पैकजों का प्रबंध किया था। यूनान दो साल के लिये करीब 30 अरब यूरो के प्रोत्साहन पैकेज की मांग कर रहा है ताकि उसके यूरो क्षेत्र से अलग होने के खतरे को टाला जा सके। यूनान सरकार ने कहा है कि किसी भी समझौत में यूनान को द्वीपों पर 30 प्रतिशत वैट छूट को बनाये रखने तथा 2012 पेंशन सुधार को अक्तूबर 2015 तक टाले जाने की अनुमति देनी होगी।

 

यूनान के प्रधानमंत्राी जनमत संग्रह के रूख पर कायम

यूनान के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस ने यूरोपीय नेताओं से दबाव के बावजूद प्रोत्साहन पैकेज संबंधी जनमत संग्रह के फैसले पर आगे बढ़ने का फैसला किया है और उन्होंने ऋणदाताओं से आग्रह किया कि वे यूनानवासियों के निर्णय को स्वीकार करें। यूनान के आईएमएफ की कर्ज अदायगी में चूक वाली पहली आधुनिक अर्थव्यवस्था बनने के साथ ही वामपंथी नेता सिपरा ने टेलीविजन पर देशवासियोंं को संबोधित किया। उन्होंने यूनानवासियों से आग्रह किया कि वे रविवार को होने वाले जनमत संग्रह में ऋणदाताओं की मितव्ययता संबंधी मांगों को नकारें। यूरो क्षेत्रा के मंत्री बुधवार को एथेंस से नए प्रस्ताव पर विचार करने वाले थे लेकिन जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने पहले इस बात पर जोर दिया कि जनमत संग्रह से पहले कोई नया समझौता नहीं होगा। 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad