अमेरिका के मिनियापोलिस में पुलिस के हाथों अश्वेत युवक जॉर्ज फ्यॉयड की हत्या के बाद दुनिया भर में हो रहे प्रदर्शनों के चलते ब्रिटेन में दमनकारी इतिहास से छुटकारा पाने का विचार होने लगा है। इसी क्रम में पश्चिमी लंदन की एक सड़क जिसे अभी तक 1857 में भारतीय क्रांति को निर्दयता से कुचलने वाली ब्रिटिश आर्मी जनरल के नाम पर जाना जाता था, अब उसका नाम सिख धर्म के संस्थापक के नाम गुरु नानक देव के नाम पर हो सकता है। ब्रिटेन की विविधता के पहलू को उभारने और उपनिवेशवादी इतिहास के आक्रामक पहलू को मिटाने के उपायों के तहत सड़क का नाम बदलने पर विचार किया जा रहा है।
हैवलॉक ने 1857 में कुचला था प्रथम संग्राम
लंदन के साउथॉल में हैवलॉक रोड सर हेनरी हैवलॉक के नाम है जिसे 1857 में भारतीय विद्रोह को योजनाबद्ध तरीके से कुचलने के लिए मिलिट्री विजनरी के तौर पर जाना जाता है। जबकि भारत में इसे शोषणकारी ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन से आजादी के लिए प्रथम संग्राम के तौर पर माना जाता है। पता चला है कि हैवलॉक रोड का नाम बदलकर गुरु नानक रोड करने पर विचार किया जा रहा है। साउथॉल ब्रिटेन में सिख समुदाय की विशाल बस्ती है जबकि हैवलॉक रोड पर श्री गुरु सिंह सभा है जो भारत के बाहर दुनिया का सबसे बड़ा गुरुद्वारा माना जाता है।
उप निवेशवादी ब्रिटिश इतिहास पर फूटा गुस्सा
लंदन के मेयर सादिक खान ने सार्वजनिक स्मारकों और सड़कों और मूर्तियों पर इस सप्ताह पुनर्विचार शुरू किया है। इसी के तहत हैवलॉक रोड का नाम बदलने पर विचार किया गया। दरअसल, अमेरिका में अश्वेत युवक की पुलिस ज्यादती के चलते मौत होने के बाद दुनिया भर में शुरू हुए ब्लैक लाइव्स मैटर प्रदर्शनों के बीच ब्रिटिश उपनिवेशवाद की याद दिलाते स्मारकों, मूर्तियों और सार्वजनिक स्थानों पर भी गुस्सा फूटा।
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल की मूर्ति को प्रदर्शनकारियों ने क्षति पहुंचाई। बहुत से लोगों के लिए चर्चिल हीरो हैं क्यों कि उन्होंने नाजियों को हराने में अहम भूमिका निभाई लेकिन बड़ी संख्या में लोग उन्हें 1940 के दशक में बंगाल की भुखमरी के लिए जिम्मेदारी और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का विरोधी होने के कारण पसंद नहीं करते हैं।
विविधता दिखाने के प्रयास में लंदन के मेयर
ईलिंग काउंसिल की काउंसिलर जूलियन बेल ने क्षेत्र के लोगों को वीडियो संदेश देकर कहा कि लंदन की विविधता दिखाने के मेयर के कदम का स्वागत करते हैं। मेयर ने पहल की है कि लंदन के सार्वजनिक स्थानों, मूर्तियों और स्मारकों से उपनिवेशवादी इतिहास की जड़ता के बजाय विविधता दिखाई देनी चाहिए। हैवलॉक रोड के नाम में परिवर्तन ईलिंग क्षेत्र के सिख समुदाय के भारी योगदान का प्रतीक होगा।