बांग्लादेश में एक प्रमुख लेखक, ब्लॉगर को सोमवार को अज्ञात हमलावरों ने एक दुकान से घसीटकर बाहर निकाला और गोली मार कर उनकी हत्या कर दी। सेक्युलर विचारों को खुलकर रखने वाले और प्रकाशन घर ‘बिशाका प्रोकाशोनी’ चलाने वाले 60 वर्षीय शाहजहां बच्चू की हत्या सोमवार शाम मुंशीगंज जिले के उनके पैतृक गांव काकालडी में पांच अज्ञात हमलावरों ने कर दी। बच्चू का प्रकाशन घर ज्यादातर कविताओं की किताबें छापता है।
मुस्लिम बहुल देश में धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की हत्या होती रही है। ये हमले पिछले कुछ समय के लिए बंद हो गए थे लेकिन एक अंतराल के बाद फिर से यह हत्या हुई है।
अभी तक किसी समूह ने नहीं ली जिम्मेदारी
ढाका ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, बच्चू सोमवार शाम इफ्तार के बाद अपने घर के निकट स्थित दवा की दुकान में अपने दोस्तों से मिलने गए थे। उसी दौरान दो मोटरसाइकिल पर पांच हमलावर आए और उन्होंने घटना को अंजाम दिया। हालांकि अभी तक किसी भी समूह ने इस हत्या की ज़िम्मेदारी नहीं ली है लेकिन आतंकरोधी विभाग के अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि कहीं यह हमला इस्लामिक चरमपंथियों ने तो नहीं किया है।
पहले मिली थीं धमकियां
धर्मनिरपेक्ष विचार को समर्थन देने की वजह से इस्लामिक समूहों ने पूर्व में बच्चू को धमकियां भी दी थी। बच्चू पहले कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ बांग्लादेश के जिला महासचिव रह चुके हैं और एक मुक्त विचार रखने वाले लेखक के रूप में जाने जाते थे।
पहले भी हुई हैं ब्लॉगरों की हत्याएं
बांग्लादेश में नास्तिक लेखक और ब्लॉगर अभिजीत रॉय की हत्या 26 फरवरी, 2015 को कर दी गई थी, जिसके बाद से कई धर्मनिरपेक्ष लेखकों, ब्लॉगरों और ऑनलाइन कार्यकर्ताओं की हत्या बांग्लादेश में हुई। ज्यादातर हत्याओं और हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठनों ने ली थी और इस संबंध में अधिकारियों ने इस्लामिक चरमपंथियों को गिरफ्तार भी किया था।