पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने शनिवार को अपने देश की सेना और लोगों को मानवीय सहायता या कश्मीरियों को किसी भी तरह की मदद करने के लिए नियंत्रण रेखा (एलओसी) के जरिए भारत पार नहीं करने की सलाह दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि कोई एलओसी पार करता है तो भारत उसे दुनिया के सामने पाकिस्तान प्रायोजित इस्लामी आतंकवाद करार देता है।
अपने 67 वें जन्मदिन पर उन्होंने कश्मीर पर कहा, "घाटी में दो महीने से अधिक समय से" अमानवीय कर्फ्यू" जारी है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने लोगों को भारत पार न करने की सलाह भारतीय सेना प्रमुख द्वारा बालाकोट में आतंकी शिविर फिर से सक्रिय होने के बयान पर करीब 10 दिन बाद दी है।
फिर सक्रिय हुआ बालाकोट
24 सितंबर को ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी में सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था,"हाल में बालाकोट को पाकिस्तान द्वारा फिर से सक्रिय किया गया है। यह दर्शाता है कि बालाकोट प्रभावित हुआ है। यह क्षतिग्रस्त हो गया था और नष्ट हो गया था। इस कारण लोग वहां से भाग गए और अब इसे फिर से सक्रिय कर दिया गया है।"
अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म पर पाक को मिली नाकामी
जनरल रावत ने कहा कि 500 के करीब घुसपैठिए भारत में घुसपैठ करने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि क्रिकेटर से प्रधानमंत्री बने किसी ने यह शॉट खेला हो। कश्मीर मुद्दे का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की उनकी कोशिश सभी अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर पूरी तरह नाकाम रही है। हालांकि पिछले महीने उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया लेकिन मिशन कश्मीर की नाकामी स्वीकार करने लिए मजबूर होना पड़ा।
25 सितंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा था कि मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से थोड़ा निराश हूं। बावजूद इसके इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में परमाणु युद्ध की स्थिति में गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी तक दे डाली थी। वहीं, भारत ने इसे पूरी तरह आंतरिक मामला बताया है।