दरअसल, राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात से पहले डोभाल ने सभी ब्रिक्स देशों से कहा कि वो क्षेत्रीय और राष्ट्रीय मुद्दों पर बात करें और आतंकवाद के खिलाफ एक साथ मिलकर काम करें। इस बीच चीन ने एक बार फिर डोकलाम और जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया।
भारत और चीन के बीच चल रहे डोकलाम विवाद के बीच 27 जुलाई को बीजिंग में सुरक्षा सलाहकरा अजीत डोभाल ने चीन के स्टेट काउंसलर यांग जेईची से मुलाकात की थी। डोकलाम विवाद के बाद यह पहला मौका है जब दोनों देशों के टॉप अधिकारियों ने सार्वजनिक तौर पर मुलाकात की।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने शुक्रवार को कहा कि बीजिंग डोकलाम मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा। भारत और चीन से मौजूदा विवाद को हल करने का एक ही तरीका है और वो है भारत को सीमा से अपनी सेना वापस बुलानी होगी।
इसके साथ ही, चीन ने एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के मसले पर अड़ंगा लगा दिया है। चीन ने कहा कि अगर भारत डोकलाम मुद्दे पर पीछे नहीं हटेगा तो चीन जम्मू-कश्मीर के मुद्दे में दखल देगा। बता दें कि इससे पहले भी चीन जम्मू-कश्मीर को लेकर धमकी दे चुका है।
गौरतलब है कि डोभाल और यांग दोनों भारत-चीन सीमा तंत्र के विशेष प्रतिनिधि हैं। ऐसे में डोभाल की चीन यात्रा से डोकलाम को लेकर भारत- चीन के बीच समाधान निकलने की संभावना बढ़ गई है।