न्यूज एजेंसी के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा मामले की संसदीय समिति में जाधव मामले पर संसदीय समिति में अटॉर्नी जनरल को हेग भेजने का फैसला लिया गया। इसके साथ ही कार्यवाहक जज की मांग करने, भविष्य की रणनीतियों और फांसी पर सजा को कायम रखने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। आसीजे के प्रावधानों के मुताबिक, अगर किसी मामले में सुनवाई करने वाली पीठ में अपने देश की नागरिकता वाला जज शामिल न हो तो कोर्ट किसी व्यक्ति को कार्यवाहक जज के तौर पर बैठने के लिए चुन सकता है।
मालूम हो कि पाकिस्तान में 46 वर्षीय पूर्व नौसेना अफसर कुलभूषण जाधव को मार्च, 2016 में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी। भारत की अपील पर आईसीजे ने 18 मई को फांसी की सजा के फैसले पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी थी। पाकिस्तान ने आईसीजे में कहा कि वियना समझौते में कंसुलर संपर्क से जुड़े प्रावधान आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी जासूस के लिए नहीं हैं।