शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ़्रेस के प्रमुख फारूख अब्दुल्ला ने कल कश्मीर में हुए दो पुलिसकर्मियों की हत्या पर दुख जताया है। उन्होंने मीडिया को दिए वक्तव्य में कहा, "यह दुख की बात है। सरकार का कहना है कि सब कुछ सही है। जब पुलिस कर्मी सुरक्षित नहीं तो आम आदमी कैसे सुरक्षित होगा?"
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है और सरकार इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की अनुमति ही नहीं देती है। यह पूछे जाने पर की क्या भारत सरकार को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए? वो कहते है कि जब चीन से बात हो सकती है तो पाकिस्तान से भी होनी चाहिए।
कल उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले में आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के दो पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इस मामलें में एक अधिकारी का कहना है कि आतंकवादियों ने बांदीपोरा के गुलशन चौक इलाके में एक पुलिस दल पर गोलियां चलाईं थी, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही मृत्यु हो गई थी।
फारूख अब्दुल्ला आजकल भाजपा पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। शनिवार को वो भाजपा पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि बीजेपी ने कश्मीरी पंडितों को "वोट बैंक" के रूप में इस्तेमाल किया है, लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया है।
फारूख अब्दुल्ला का यह बयान जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के मीटिंग बाद आया। इस मीटिंग में कश्मीरी पंडितों के संबंध में तीन प्रस्तावों को पारित किया गया।
अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने प्रस्तावों के माध्यम से कश्मीरी पंडितों के लिए राजनीतिक आरक्षण, कश्मीरी हिंदू मंदिर संरक्षण विधेयक पारित करने और कश्मीरी पंडितों की वापसी और पुनर्वास के लिए एक व्यापक पैकेज की मांग की है।