इंटरनेशन कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी है। यह फैसला 15-1 से भारत के पक्ष में सुनाया गया है। अदालत ने जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाते हुए पाकिस्तान से सजा पर फिर से समीक्षा करने को कहा है। समीक्षा होने तक फांसी पर रोक लगी रहेगी। साथ ही अदालत ने पाकिस्तान को जाधव को काउंसलर मुहैया कराने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने काउंसलर ना मुहैया कराने को वियना संधि का उल्लंघन माना है।
भारत के पास क्या हैं ऑप्शन
सवाल यह उठता है कि के फैसले के बाद सवाल है कि क्या अब पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को रिहा करेगा और उनकी वतन वापसी हो सकेगी? हालांकि, इस मामले में पाकिस्तान का रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है। ऐसे में अगर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के आदेश के बाद भी कुलभूषण जाधव की रिहाई नहीं करता है तो भारत मामले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी ले जा सकता है। हालांकि, मोदी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि अभिनदंन की तरह कुलभूषण जाधव को भी भारत लाएंगे क्योंकि वह निर्दोष हैं।
पहले भी मिली है पाक को आईसीजे में शिकस्त
इससे करीब 19 साल पहले भी भारत और पाकिस्तान का मुकाबला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में हुआ था। उस बार पाकिस्तान ही अंतरराष्ट्रीय न्यायालय गया था और उसको मुंह की खानी पड़ी थी।
पाक की जेल में बंद हैं जाधव
फिलहाल, कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। इससे पहले जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ भारत ने मई 2017 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
पाकिस्तान का दावा है कि उसने जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया है। हालांकि भारत ने पाकिस्तान के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा किया है।