म्यांमार के राष्ट्रपति तिन क्यॉ ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। वे मार्च-2016 में राष्ट्रपति चुने गए थे। बीते 50 साल में क्यॉ देश के पहले ऐसे राष्ट्रपति रहे जिनका म्यांमार की ताक़तवर सेना के साथ कोई संबंध नहीं था।
एएनआई के मुताबिक, क्यॉ के फेसबुक पेज पर इस्तीफे के बाबत एक संदेश डाला गया है। इसमें लिखा है, ‘म्यांमार के राष्ट्रपति यू तिन क्यॉ ने 21 मार्च को अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। म्यांमार के संविधान के अनुच्छेद 73 (बी) के अनुसार अब जल्द ही उनके उत्तराधिकारी के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। अगले सात कार्यदिवसों के भीतर उनके उत्तराधिकारी का चयन कर लिया जाएगा।’
Myanmar's first democratically elected President resigns
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— ANI Digital (@ani_digital) March 21, 2018
बताया जाता है कि तिन क्यॉ ने ‘वर्तमान ज़िम्मेदारियों से आराम लेने के लिए’ राष्ट्रपति का पद छोड़ा है। वे म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की के विश्वस्तों में शुमार होते हैं। उन्हें उनकी इसी ख़ासियत की वज़ह से राष्ट्रपति भी चुना गया था। म्यांमार के संविधान के हिसाब से सू की राष्ट्रपति नहीं बन सकती थीं क्योंकि उनके पति और बच्चों के पास विदेश की नागरिकता है।