यही नहीं राहील शरीफ से यह भी मांग की गई है कि सत्ता पर कब्जा करने के बाद वह देश में तकनीकी विशेषज्ञों की सरकार बनवाएं और खुद इस सरकार की निगरानी करें।
पाकिस्तान से आई खबरों के मुताबिक, ये बैनर और होर्डिंग सोमवार को मूव ऑन पाकिस्तान पार्टी ने पूरे देश के 13 महत्वपूर्ण शहरों में खासकर सैन्य छावनी इलाके में लगाए हैं। इन शहरों में लाहौर, कराची, पेशावर, क्वेटा, रावलपिंडी, फैसलाबाद, सरगोधा और हैदराबाद आदि शामिल हैं। समाचार पत्र डॉन के मुताबिक, इससे पहले इस पार्टी ने राहील से अपनी सेवानिवृत्ति पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया था। राहील नवंबर में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इस बार का संदेश अपने आप में काफी अशुभ है। कराची में मुख्यमंत्री आवास और रेंजर्स मुख्यालय के बीच चौराहों पर लगे एक बैनर में लिखा है, जाने की बातें हुई पुरानी, खुदा के लिए अब आ जाओ।
इस पार्टी के मुख्य संगठनकर्ता अली हाशमी के अनुसार इस प्रचार अभियान का मकसद सेना प्रमुख को यह सुझाव देना है कि मार्शल कानून लागू करने के बाद पाकिस्तान में टेक्नोक्रैट्स की सरकार बननी चाहिए और खुद राहील को इस पर नजर रखनी चाहिए।
गौरतलब है कि 1947 में आजादी मिलने के बाद से ही पाकिस्तान की सत्ता पर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से वहां की सेना का नियंत्रण रहा है। देश में अभी तक चार बार मार्शल लॉ लागू किया जा चुका है। पिछले सैनिक शासक परवेज मुशर्रफ 2008 में सरकार से हटे थे। बीच-बीच में लोकतांत्रिक ढंग से चुनी हुई सरकार बनती है मगर उस सरकार के जरा सा अलोकप्रिय होते ही सेना सत्ता पर कब्जा कर लेती है। इस बार भी ऐसा ही संकेत मिल रहा है क्योंकि नवाज शरीफ सरकार तेजी से अलोकप्रिय हुई है और सेना के लिए वहां सत्ता कब्जाने की स्थितियां निर्मित हो रही हैं।
जहां सरकारी इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस इस मुद्दे पर चुप है वहीं राजनीतिक विश्लेषक आमिर राणा ने कहा कि ताजा कदम से इस विचार को बल मिलता है कि कुछ खिचड़ी जरूर पक रही है। हाशमी का दावा है कि उनकी पार्टी के बैनर लाहौर और फैसलाबाद में सुबह हटा दिए गए।
मूव ऑन पाकिस्तान पार्टी पिछले तीन साल से पाकिस्तान के चुनाव आयोग में पंजीकृत है और फैसलाबाद स्थित कारोबारी मोहम्मद कामरान इसके चेयरमैन हैं। कामरान फैसलाबाद, सरगोधा और लाहौर में कई स्कूल व कारोबार चलाते हैं। यह पार्टी फरवरी में उस समय सुर्खियों में आई जब इसने देशभर में बैनर और पोस्टर लगाकर सेना प्रमुख से सेवानिवृत्त नहीं होने और आतंकवाद व भ्रष्टाचार खत्म करने में मदद करने की अपील की।