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नेपाल के राष्ट्रपति ने संसद भंग की, मार्च में नए चुनाव कराए जाएंगे, राजनीतिक दलों ने की आलोचना

सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की सिफारिश पर नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संसद...
नेपाल के राष्ट्रपति ने संसद भंग की, मार्च में नए चुनाव कराए जाएंगे, राजनीतिक दलों ने की आलोचना

सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की सिफारिश पर नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संसद भंग कर दी। पौडेल ने सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगा। पौडेल ने यह भी घोषणा की कि अगले वर्ष 5 मार्च को नए चुनाव कराए जाएंगे। प्रमुख राजनीतिक दलों ने संसद भंग करने के फैसले की कड़ी आलोचना की और इस कदम को असंवैधानिक तथा लोकतंत्र के लिए एक गंभीर झटका बताया है। 2 दिनों के हिंसक प्रदर्शन के बार देश में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है।

नेपाल के प्रमुख राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के संसद भंग करने के फैसले की शनिवार को कड़ी आलोचना की और इस कदम को असंवैधानिक तथा लोकतंत्र के लिए एक गंभीर झटका बताया है। 2 दिनों के हिंसक प्रदर्शन के बार देश में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी है। उच्चतम न्यायालय की पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की सिफारिश पर संसद को भंग करने के बाद पौडेल ने यह भी घोषणा की कि अगले वर्ष पांच मार्च को नए चुनाव कराए जाएंगे । उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से सहयोग मांगा।

राष्ट्रपति ने एक बयान में सभी से अपील की कि वे लोगों के हितों की रक्षा और आत्म-अनुशासन बनाए रखते हुए समय पर चुनाव कराने के लिए कड़ी मेहनत से अर्जित अवसर का उपयोग करें। देश में एक सप्ताह तक हिंसक विरोध प्रदर्शन होने और इसके चलते के. पी. शर्मा ओली के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कार्की (73) देश की पहली महिला प्रधानमंत्री नियुक्त हुई।

ओली ने मंगलवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के उनके कार्यालय में घुसकर उनके इस्तीफे की मांग के तुरंत बाद इस्तीफा दे दिया था। देशव्यापी प्रदर्शन में 50 से अधिक लोगों की जान चली गई। नेपाली कांग्रेस, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी) और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) समेत लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने संसद भंग करने के निर्णय की निंदा की।

संसद को भंग करने के कदम को अस्वीकार करते हुए, देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी, नेपाली कांग्रेस ने चेतावनी दी कि संविधान का उल्लंघन करने वाली कोई भी कार्रवाई अस्वीकार्य होगी। नेपाली कांग्रेस ने एक बयान में कहा, संसद को भंग करने का यह कदम हमारे संविधान की भावना और उच्चतम न्यायालय की व्याख्या के विरुद्ध है। यह पूरी तरह असंवैधानिक है।

राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, संसद 12 सितंबर की रात 11 बजे से भंग हो गई। काठमांडू में राजनीतिक पारा भले ही चढ़ा हुआ था लेकिन देश में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है तथा प्रशासन कर्फ्यू एवं अन्य प्रतिबंध हटा रहा है। सीपीएन-यूएमएल के महासचिव शंकर पोखरेल ने संसद को भंग करने कदम को ‘’चिंताजनक बताया।

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के नेता के हवाले से समाचार पोर्टल ने कहा, अतीत में, संसद को भंग करने के अधिकतर सरकारों के प्रयासों को असंवैधानिक बताकर चुनौती दी गई थी। विडंबना यह है कि वही आवाजें अब संसद को भंग करने का समर्थन कर रही हैं। हमें सतर्क रहना चाहिए।

सीपीएन (माओवादी केंद्र) ने भी प्रतिनिधि सभा को भंग करने के फैसले पर असहमति व्यक्त की। पार्टी प्रवक्ता और उपाध्यक्ष अग्नि प्रसाद सपकोटा ने कहा कि यह फैसला देश के संवैधानिक ढांचे के खिलाफ है। संयुक्त राष्ट्र और पड़ोसी देशों भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश ने बधाई संदेशों में प्रधानमंत्री कार्की को समर्थन की पेशकश की।

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सुशीला कार्की को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने पर शनिवार को बधाई दी और पड़ोसी देश में शांति व प्रगति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। मोदी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण करने पर माननीय सुशीला कार्की जी को हार्दिक शुभकामनाएं। नेपाल के भाई-बहनों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

नेपाल में संयुक्त राष्ट्र की ‘रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर’ हन्ना सिंगर-हैम्डी ने कहा, इस निर्णायक क्षण में संयुक्त राष्ट्र नेपाल के लोगों की शांति, न्याय, पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रगति की आकांक्षाओं में उनके साथ खड़ा है। उन्होंने राष्ट्रपति, सेना प्रमुख और ‘जेन जेड’ के युवा नेताओं के योगदान की भी सराहना की और कहा कि उनके प्रयासों ने ‘इस बदलाव को संभव बनाने में मदद की’ है। ‘जेन जेड’ वे युवा हैं जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ।

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कार्की को बधाई दी और कहा, हमें विश्वास है कि उनका नेतृत्व नेपाल को स्थाई शांति और लोकतंत्र की सुचारू वापसी की ओर ले जाएगा। प्रधानमंत्री कार्की को भेजे संदेश में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कहा, एक महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण समय में आपका इस उच्च पद पर आसीन होना नेपाल के लोगों द्वारा आप पर जताए गए विश्वास और भरोसे का प्रतिबिंब है।

इस बीच, नेपाल सेना के प्रवक्ता ने कहा, शनिवार को कोई प्रतिबंधात्मक आदेश या कर्फ्यू नहीं है। दुकानें, किराना स्टोर, सब्जी बाजार और शॉपिंग मॉल कई दिनों के बंद रहने के बाद फिर से खुल गए, जबकि सड़कों पर यातायात फिर से शुरू हो गया।

कई स्थानों पर सफाई अभियान चलाया गया, जिनमें प्रमुख सरकारी भवन भी शामिल हैं, जिन्हें हाल में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा तोड़फोड़ कर आग के हवाले कर दिया गया था। ऐसा माना जा रहा है कि कार्की रविवार को एक छोटा मंत्रिमंडल गठित करेंगी। सूत्रों ने बताया कि कार्की के पास गृह, विदेश और रक्षा सहित 20 से अधिक मंत्रालय होंगे।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, विरोध प्रदर्शनों के दौरान सिंह दरबार सचिवालय स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में आग लगा दी गई थी, इसलिए सिंह दरबार परिसर में गृह मंत्रालय के लिए नवनिर्मित भवन को प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए तैयार किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय को वहां स्थानांतरित करने के लिए इमारत के आसपास के इलाकों से राख हटाने और साफ-सफाई का काम चल रहा है। नेपाल पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि विरोध प्रदर्शनों में एक भारतीय नागरिक सहित कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई।

नेपाल के होटल उद्योग ने शनिवार को सरकार से इस क्षेत्र के लिए विश्वास बहाली के उपाय करने का आग्रह किया। एक अनुमान के मुताबिक इस पर्वतीय देश में 'जेन जेड' के विरोध प्रदर्शनों के दौरान होटल उद्योग को 25 अरब नेपाली रुपए का नुकसान हुआ है।

नेपाल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष विनायक शाह ने शनिवार को कहा, हमें निर्माण सामग्री पर कर छूट, सुरक्षा की गारंटी और सरकार की ओर से विश्वास बहाली के उपायों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू हटने के साथ स्थिति में सुधार हुआ है और हमारा उद्योग जल्द ही पूरे जोश के साथ काम करेगा। हम फिर से उठ खड़े होंगे।

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