पीटीआई के मुताबिक, पाकिस्तान के 70 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश को संबोधित करते हुए अब्बासी ने कहा कि यह क्षेत्रीय संघर्षों के समाधान में अपनी भूमिका निभाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पर निर्भर है, विशेषकर कश्मीर विवाद। क्षेत्र में शांति के लिए जरूरी है कि ऐसे मसलों पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव की बात हो।
साथ ही, शाहिद ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्रीय बराबरी के तहत दुनिया के सभी देशों और खासकर अपने पड़ोसियों के साथ सकारात्मक और रचनात्मक रिश्ते बनाना चाहता है। हम मुख्य रूप से अपने पड़ोसी देशों के साथ समानता के आधार पर संबंध बनाना चाहते हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि दक्षिण एशिया के लोग पिछले 50 सालों से विवाद और टकराव से गुजर रहे हैं। जब तक उनके संघर्षों का समाधान नहीं किया जाता, तब तक शांतिपूर्ण प्रगति हासिल नहीं हो सकती। देश के स्वतंत्रता सेनानियों की प्रशंसा करते हुए अब्बासी ने कहा कि हम अपने पूर्वजों के बलिदान को लेकर उनके बहुत ऋणी हैं और हम पाकिस्तान को एक स्वतंत्र देश बनाकर कर्ज का पुनर्भुगतान कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों समेत देश में कानून को लागू करने वाली एजेंसियों समेत कई लोगों ने इस संबंध में बलि के अतुलनीय कहानियां लिखी हैं। अब, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए न केवल अपने हितों से ऊपर उठकर इन बलिदानों को स्वीकार करने के लिए बल्कि पूरी तरह से समर्थन करने का भी समय आ गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने तार्किक निष्कर्ष के आधार पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। उन्होंने कहा कि हाल के सालों में पाकिस्तान में आतंकवाद के चलते कई घटनाओं से लोगों को जूझना पड़ा है।
इस दौरान अब्बासी ने राज्य संस्थानों को मजबूत बनाने और मजबूत करने पर बल दिया ताकि वे कानून और संविधान की सीमाओं के भीतर अपनी निर्धारित भूमिका निभा सकें।
बता दें कि 14 अगस्त, 1947 को पाकिस्तान का विभाजन भारतीय उपमहाद्वीप से हुआ था। यह अविवादित भारत के उत्तरी-पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों के विभाजन के द्वारा एक अलग मुस्लिम राज्य के निर्माण के उद्देश्य से पाकिस्तान आंदोलन के परिणामस्वरूप अस्तित्व में आया। इस आंदोलन का नेतृत्व मुहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में अखिल भारतीय मुस्लिम लीग ने किया था।