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भारत के साथ तनाव खत्म करने के लिए पाक ने मांगी अमेरिका से मदद

पाकिस्तान ने भारत के साथ तनाव कम करने के लिए अमेरिका से मदद मांगी है। उसने कहा है कि अफगानिस्तान के साथ...
भारत के साथ तनाव खत्म करने के लिए पाक ने मांगी अमेरिका से मदद

पाकिस्तान ने भारत के साथ तनाव कम करने के लिए अमेरिका से मदद मांगी है। उसने कहा है कि अफगानिस्तान के साथ लगने वाली पश्चिमी सीमा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वह पूर्वी सीमा पर शांति चाहता है।

विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोम्पिओ से हुई बातचीत के बारे में संवाददाताओं से कहा, 'अगर हम पश्चिमी पक्ष की ओर देखते हैं तो हम पूर्वी सीमा पर शांति चाहते हैं'। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम उल्लंघनों के कारण लोगों को परेशानी होती है।

पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसियों के साथ अमन चाहता है

कुरैशी ने कहा कि यह जरूरी है कि हमे इस पर गौर करना चाहिए और इस पर विचार करना चाहिए कि हम किस प्रकार (पूर्वी सीमा पर) सुधार कर सकते हैं। उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान अपने सभी पड़ोसियों के साथ अमन चाहता है और कभी बातचीत से पीछे नहीं हटा है लेकिन ताली बजाने के लिए दो हाथों की जरूरत होती है।

पोम्पिओ ने पीएम खान से आतंकवादियों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कदम उठाने को कहा- 

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बुधवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की और कहा कि वह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर रहे आतंकवादियों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कदम उठाएं।पोम्पिओ ने इमरान को यह नसीहत ऐसे समय में दी है जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं करने के कारण इस्लामाबाद को दी जाने वाली सैन्य सहायता में से 30 करोड़ डॉलर राशि रद्द कर दी है।

पोम्पिओ ने इमरान से मुलाकात के दौरान कहा कि वह और कदम उठाएं 

अमेरिका के शीर्ष राजनयिक के रूप में पाकिस्तान की पहली यात्रा पर आए सीआईए के पूर्व प्रमुख पोम्पिओ ने इमरान को बताया कि आज दिन में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ हुई अपनी मुलाकात से वह ‘खुश’ हैं। साथ ही, पोम्पिओ ने इमरान से मुलाकात के दौरान उनसे यह भी कहा कि वह ‘और कदम उठाएं।’ 

कूटनीतिक सूत्रों का हवाला देते हुए ‘जियो टीवी’ ने खबर दी कि इस मुलाकात के दौरान थलसेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा और विदेश मंत्री कुरैशी भी मौजूद थे।

गौरतलब है कि 25 जुलाई को हुए संसदीय चुनावों और नई सरकार के गठन के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच यह पहला उच्च-स्तरीय संवाद था।

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