म्यांमार की नेता आंग सान सू की के झील किनारे बने घर पर गुरुवार को पेट्रोल बम फेंककर हमला किया गया। म्यांमार सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि जब आंग सान सू की यांगून स्थित अपने आवास लेकसाइड के परिसर से बाहर थीं तो उसी दौरान उनके घर पर पेट्रोल बम फेंका गया।
सरकारी प्रवक्ता जॉ हैते ने खबर की पुष्टि करते हुए अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर संभावित हमलावर का चेहरा बताते हुए लिखा कि उसकी आयु करीब 40 वर्ष थी और उसके बाल काले थे। म्यांमार में लोकतंत्र की मसीहा मानी जाने वाली सू की के आवास पर यह हमला उनकी नीतियों का विरोध माना जा रहा है।
इस समय अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिमों के मुद्दे पर देश को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। देश के करीब साढ़े छह लाख मुसलमान भागकर बांग्लादेश पहुंचे हैं, लेकिन सू की ने उनके लिए सहानुभूति में कुछ नहीं कहा है।
यांगून के जिस आवास पर पेट्रोल बम से हमला हुआ है, वह सैन्य शासन के खिलाफ लोकतंत्र की लड़ाई में अहम स्थल के रूप में जाना जाता है। इसी आवास पर सू की को वर्षो तक कैद करके रखा गया था। यहीं से उन्होंने अपना आंदोलन चलाया। इसी आंदोलन का नतीजा था कि सैन्य शासन को लोकतंत्र स्थापना के लिए बाध्य होना पड़ा और सन 2015 में म्यांमार में चुनाव हुए।
चुनाव में सू की की पार्टी भारी बहुमत से जीती। कानूनी प्रावधानों के चलते सू की राष्ट्रपति नहीं बन सकीं, लेकिन सत्ता की बागडोर उनके ही हाथों में हैं।
गौरतलब है कि बीते साल अगस्त में रोहिंग्या विद्रोहियों ने सरकारी सुरक्षा बलों पर सिलसिलेवार हमला बोल दिया था, जिसके बाद देश की सेना ने पूरे समुदाय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि लोगों को म्यांमार छोड़कर भागने को मजबूर होना पड़ा। लाखों की संख्या में रोहिंग्या मुस्लिमों ने बांग्लादेश में शरण लिया। इसको लेकर वैश्विक स्तर पर म्यांमार को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा और रोहिंग्याओं को वापस बुलाने के लिए दबाव बढ़ा। हालांकि अभी भी लोग लौटना नहीं चाह रहे हैं।