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कश्मीर मुद्दा बातचीत की मेज पर हल हो, भारत के साथ चाहते हैं अच्छे रिश्ते: इमरान खान

पाकिस्तान में बुधवार को 272 सीटों के लिए हुए आम चुनाव की मतगणना हो रही है। अब तक के रुझानों में इमरान खान...
कश्मीर मुद्दा बातचीत की मेज पर हल हो, भारत के साथ चाहते हैं अच्छे रिश्ते: इमरान खान

पाकिस्तान में बुधवार को 272 सीटों के लिए हुए आम चुनाव की मतगणना हो रही है। अब तक के रुझानों में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार बनाने के करीब नजर आ रही है। वह 115 सीटों के साथ सबसे आगे है। वे बहुमत से 22 सीटें दूर हैं। बहुमत के लिए 137 सीटें जरूरी हैं। नवाज शरीफ के भाई शहबाज के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) 62 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) तीसरे नंबर पर है। इसके उम्मीदवार 36 सीटों पर आगे चल रहे हैं। आतंकी हाफिज सईद ने अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक (एएटी) के बैनर तले 265 उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा था, लेकिन उसे एक भी सीट पर बढ़त नहीं मिली।

वहीं, पीएम की कुर्सी के करीब पहुंचते दिख रहे इमरान खान ने आज विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी और कई मुद्दों पर अपनी रणनीति जाहिर की। इसे इमरान खान की विक्ट्री स्पीच कहा जा रहा है।

'हिंदुस्तान की मीडिया ने बनाया विलेन'

हिंदुस्तान के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, हिंदुस्तान की मीडिया ने जिस तरह मुझे पोर्ट्रे किया जैसे मैं बॉलीवुड का विलेन हूं। मैं हिंदुस्तान में क्रिकेट की वजह से जुड़ा हुआ हूं। हमारे संबंध अच्छे हों यह भविष्य के लिए अच्छा है।

'कश्मीर मुद्दे पर हो बातचीत'

कश्मीर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि अगर हमें रिश्ते सुधारने हैं तो हम व्यापार करें। दोनों मुल्कों का फायदा है। कश्मीर मुख्य मुद्दा है। कश्मीर के लोगों ने पिछले तीस सालों में जो मानवाधिकार का उल्लंघन हुआ है। हम वार्ता की मेज पर बात करें। आरोप-प्रत्यारोप से काम नहीं चलेगा। अगर भारत बातचीत के लिए तैयार है तो हम तैयार हैं। आप एक कदम आगे आएं तो हम दो कदम आगे आएंगे। बातचीत से हल करें।

'पीएम आवास में नहीं रहूंगा'

साथ ही इमरान ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि मैं प्रधानमंत्री आवास में नहीं रहूंगा। लोगों के पैसे का सही इस्तेमाल करूंगा। इसका इस्तेमाल स्कूली बच्चों के लिए किया जाएगा। नेता शानो-शौकत से नहीं सादगी से रहेंगे। आर्थिक स्थिति सुधारना पहली चुनौती। बिजनेस के लिए पाकिस्तान में माहौल बनाना है।

उन्होंने कहा कि सरकार की जवाबदेही तय करूंगा। बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करेंगे। सियासी दुश्मनी मेरे लिए मतलब नहीं रखती। बच्चों की शिक्षा- स्वास्थ्य पर जोर रहेगा। चीन हमारे सामने बड़ी मिसाल। इंसानियत का पाकिस्तान बनाना चाहता हूं। कमजोरों को ऊपर उठाने के लिए काम करूंगा। मैं पाकिस्तान को मदीने जैसा बनाना चाहता हूं।

बच्चों, महिलाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा पर रखी बात

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में 45 फीसदी बच्चे कुपोषित हैं। 2.5 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जाते। महिलाओं को पूरी मेडिकल सुविधा ना मिलने पर प्रेग्नेंसी में मौत होती है। हम ये हालात बदलेंगे। 

'हमें चीन से सीखना है'

इमरान खान ने कहा कि हमें चीन से सीखना है जिसने 3 साल में 70 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला। गरीबी मिटाने, किस तरह गरीबों को उठाएं, भ्रष्टाचार पर चीन ने सख्त कदम उठाए हैं। उन्होंने 4 साल में 400 वजीर पकड़े हैं। ये पहली सरकार होगी जो कानून की बालादस्ती करेगी। गरीब- अमीर में भेदभाव नहीं, जो कानून खिलाफी करेगा वो सजा भुगतेगा, कानून  सबके लिए एक बराबर होगा। सरकार और सरकार के वजीरों को भी देना होगा जवाब। भ्रष्टाचार देश को कैंसर की तरह खा रहा है। देश में सारा गवर्नेंस सिस्टम ठीक करेंगे।

'अर्थव्यवस्था एक चुनौती'

उन्होंने कहा अर्थव्यवस्था एक बड़ी चुनौती है। रुपया डॉलर के मुकाबले इतना नीचे कभी नहीं गया। देश कर्जे में है। ऐसा ठीक से काम ना होने पर हुआ। बिजनेस के लिए बेहतर माहौल बनाएंगे। पाक NRI से  कहेंगे कि देश में निवेश करें. उन्होंने अभी तक भ्रष्टाचार की वजह से निवेश नहीं किया है। निवेशक दुबई या चीन जा रहे यहां नहीं। इसलिए बेरोजगारी बढ़ रही है। हम ऐसे देश चलाएंगे जो पहले नहीं हुआ और ये शुरू होगा अपने आप से। हम सादगी से शुरुआत करेंगे। हम इसे मदीने जैसा बनाएंगे।

चुनाव में क्या है अब तक स्थिति

इस बार भी 50% से 55% वोटिंग हुई है। पाकिस्तान में 10 करोड़ 50 लाख वोटर हैं। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सीटें हैं। 60 सीटें महिलाएं और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। चार प्रांत- पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में भी नई सरकार चुनी जा रही है।

कई बड़े चेहरों को हार मिली 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने रावलपिंडी की एनए-57 और इस्लामाबाद की एनए-53 सीट से चुनाव लड़ा था। बताया जा रहा है कि वे दोनों सीटों पर हार गए। नवाज शरीफ के भाई शहबाज शरीफ कराची, स्वात और लाहौर सीट पर मैदान में उतरे थे। उन्हें दो सीटों पर हार मिली। लाहौर में वे बढ़त बनाए हुए हैं। पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो मलकंद की एनए-8 सीट पर हार मिली, लेकिन सिंध की लारकन सीट पर वे जीत गए। राइट विंग जमियत-ए-इस्लाम के प्रमुख सिराजुल हक को भी हार का सामना करना पड़ा।

चुनाव में गड़बड़ी का आरोप

पीएमएल-एन, पीपीपी और पाक सरजमीं पार्टी (पीएसपी) ने चुनाव में हेराफेरी का आरोप लगाया। शहबाज शरीफ ने वोटों की गिनती के दौरान ही लाहौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर नतीजों को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं ये कहने के लिए मजबूर हूं, लेकिन हम इन नतीजों को पूरी तरह नकारते हैं।”

चुनाव आयोग ने कहा, किसी का दबाव नहीं

पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने गुरुवार सुबह 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हमारे ऊपर किसी का दबाव नहीं है। रिजल्ट ट्रांसमिशन सिस्टम के पहली बार इस्तेमाल हो होने और तकनीकी गड़बड़ी की वजह से चुनाव के नतीजे घोषित करने में देर हुई।

हाफिज की पार्टी नाकाम

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा और दामाद खालिद वलीद भी चुनावी मैदान में हैं। यह दोनों उन 260 उम्मीदवारों में शामिल हैं, जिन्होंने 2011 में पंजीकृत हुई 'अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक' के उम्मीदवार के रूप में नामांकन किए हैं। हालांकि, एक भी सीट पर हाफिज की पार्टी को ना तो जीत नसीब हुई है और ना ही वह कहीं आगे दिख रही है।

हिंसा के बीच हुआ मतदान

पाकिस्तान में आम चुनावों के लिए मतदान शुरू होने के कुछ घंटे बाद इस्लामिक स्टेट के एक आत्मघाती हमलावर ने बलूचिस्तान प्रांत की राजधानी क्वेटा के भोसा मंडी इलाके के एक मतदान केंद्र के बाहर धमाके में खुद को उड़ा लिया। इस हमले में कई पुलिसकर्मियों सहित 31 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा चुनाव से जुड़ी हिंसा की अलग-अलग घटनाओं में 4 लोग मारे गए। कई मतदान केंद्रों के बाहर प्रतिद्वंद्वी पार्टियों के बीच झड़पें हुईं।

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य होते हैं जिनमें से 272 को सीधे तौर पर चुना जाता है जबकि शेष 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। आम चुनावों में पांच फीसदी से ज्यादा वोट पाने वाली पार्टियां इन आरक्षित सीटों पर समानुपातिक प्रतिनिधित्व के हिसाब से अपने प्रतिनिधि भेज सकती हैं।

कोई पार्टी अकेले दम पर तभी सरकार बना सकती है जब उसे कुल 342 में से 172 सीटें हासिल हो जाए, लेकिन सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए इन प्रत्यक्ष निर्वाचन वाली 272 सीटों में से कम से कम 137 सीटों की जरूरत होगी।

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