अभी तक ट्रैफिक जाम की समस्या सड़कों पर ही होती थी लेकिन अब दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर ज्यादा भीड़ की वजह से 'ट्रैफिक जाम' जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इसी क्रम में माउंट एवरेस्ट से लौट रहे एक और पर्वतारोही की मौत हो गई है, जिसके बाद 2019 में मरने वाले पर्वतारोहियों की संख्या 11 हो गई है। नेपाल सरकार के एक अधिकारी ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की। इससे पहले गुरुवार को दो भारतीय पर्वतारोही की मौत हो चुकी है। पर्वतारोहियों और विशेषज्ञों का मानना है कि एवरेस्ट पर बढ़ती भीड़ के कारण इतने लोगों को जान गंवानी पड़ी है। इसके अलावा ऑक्सीजन, खराब मौसम, प्रशिक्षण की कमी और सेल्फी भी प्राणघातक बन जाते हैं।
अमेरिका का रहने वाला था शख्स
नेपाल के पर्यटन विभाग की निदेशक मीरा आचार्य ने बताया कि अमेरिकी वकील क्रिस्टोफर जॉन कुलिश की एवरेस्ट के नेपाल की ओर वाले स्थान पर पहाड़ की चोटी पर पहुंचने के बाद सोमवार को मौत हो गई। उन्होंने कहा कि उतरते समय वे सोमवार शाम सुरक्षित रूप से दक्षिणी कोल (25,918 फीट) पर पहुंच गए थे, इसके बाद अचानक उनकी मौत हो गई। कोलोराडो के कुलिश के परिजनों ने कहा कि खबर सुनकर वे दुखी हैं।
खराब मौसम, पर्वतारोहण का औद्योगीकरण भी वजह
सोमवार को ही एक ऑस्ट्रेलियाई परिवार ने भी अपने एक रिश्तेदार की मौत की पुष्टि की थी। अर्न्स्ट लैंडग्राफ की एवरेस्ट की चढ़ाई का अपना सपना पूरा करने के कुछ घंटों बाद ही 23 मई को मौत हो गई थी। पर्वतारोहियों का कहना है कि खराब मौसम, और पर्वतारोहण के औद्योगिकीकरण के कारण ये घटनाएं बढ़ गई हैं। साल 1922 के बाद से माउंट एवरेस्ट पर लगभग 200 पर्वतारोहियों की मौत हो चुकी है।
प्रशिक्षण की कमी
नेपाल स्थित 8850 मीटर ऊंटी चोटी फतह करने की चाहत में बड़ी संख्या में लोग यहां आ रहे हैं। नेपाल सरकार ने इस सीजन में रिकॉर्ड 381 परमिट जारी किए हैं। नेपाल सरकार एक परमिट के 11 हजार डॉलर (करीब 7.66 लाख रुपए) वसूलती है। यह सरकार के राजस्व का बड़ा स्त्रोत है। परमिट की शर्त होती है कि व्यक्ति को पूरी तरह से प्रशिक्षित होना चाहिए। लेकिन 381 में आधे से ज्यादा लोग ऐसे हैं, पूरी तरह से प्रशिक्षित भी नहीं है। इन लोगों को सावधानियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। यही उनके लिए जानलेवा साबित होता है।
ऑक्सीजन की कमी और सेल्फी भी एक वजह
रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सीजन की कमी के कारण पिछले दो सप्ताह में कई लोगों की मौत हो चुकी है। अब भी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए लोगों की लंबी कतार लगी हुई है। ज्यादातर लोग खुद की लापरवाही के कारण ही जान गंवाते हैं। बहुत से लोग उत्साहित होकर सेल्फी खींचने लगते हैं, जिसकी वजह से गिरकर उनकी मौत हो जाती है।
बढ़ रहा है एवरेस्ट पर कचरा
दूसरी ओर नेपाल सरकार ने सोमवार को माउंट एवरेस्ट पर सफाई अभियान पूरा कर लिया और कहा कि उसने लगभग 11 टन कचरा जमा किया है, जो दशकों से चोटी पर पड़े हुए थे। यह सफाई अभियान मध्य अप्रैल में शुरू किया गया था और इसमें ऊंची चढ़ाई में माहिर 12 शेरपाओं की एक विशिष्ट टीम शामिल थी। इस टीम ने एक महीने से अधिक समय में पूरे कचरे को जमा किया।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
 
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    