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ऋषि सुनक बने ब्रिटेन के नए वित्त मंत्री, इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के हैं दामाद

भारतीय मूल के 39 वर्षीय ऋषि सुनक को ब्रिटेन का नया वित्तमंत्री बनाया गया है। सुनक इन्फोसिस के...
ऋषि सुनक बने ब्रिटेन के नए वित्त मंत्री, इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के हैं दामाद

भारतीय मूल के 39 वर्षीय ऋषि सुनक को ब्रिटेन का नया वित्तमंत्री बनाया गया है। सुनक इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं। इससे पहले पाकिस्तानी मूल के साजिद जाविद वित्तमंत्री थे। उन्होंने हाल ही में पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी। ब्रिटेन में अभी बोरिस जॉनसन की अगुवाई वाली कंजरवेटिव पार्टी की सरकार है। दिसंबर में हुए आम चुनाव में जॉनसन के नेतृत्व में कंजरवेटिव पार्टी दोबारा सत्ता में आई है और प्रधानमंत्री ने इस बार अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया है।

दो अन्य को फिर मिली जगह

ऋषि सुनक के साथ ही भारतीय मूल के दो अन्य सांसदों ने गुरुवार को ब्रिटेन की संसद में फिर से जगह मिली है। प्रीति पटेल को गृह सचिव नियुक्त किया गया है। वहीं,अंतर्राष्ट्रीय विकास सचिव आलोक शर्मा को ग्लासगो में आगामी जलवायु सम्मेलन (COP26) के लिए बिजनेस सेक्रेटरी और मंत्री नियुक्त किया गया है। प्रीति पटेल पूर्व इंटरनेशनल डेवलपमेंट सेक्रेटरी रही हैं। उन्हें इजराइली आधिकारियों के साथ गुप्त बैठक करने के कारण 2017 में इस्तीफ़ा देना पड़ा था। 47 साल की प्रीति पटेल का जन्म लंदन में हुआ था जबकि उनके माता-पिता मूल रूप से गुजरात के हैं। जिसके बाद 1960 के दशक में वो ब्रिटेन आकर बस गए। प्रीति पटेल बहुत कम उम्र में कंज़र्वेटिव पार्टी में शामिल हुई थी। 

ये भी हुए शामिल

कैबिनेट के इस बदलाव में उत्तरी आयरलैंड के सचिव जूलियन स्मिथ, बिजनेस सेक्रेटरी एंड्रिया लेडसम, गृह मंत्री एस्टर मैकवे और पर्यावरण सेक्रेटरी थेरेसा विलियर्स को शामिल किया गया है। जबकि अटॉर्नी जनरल जियोफ्रे कॉक्स को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है। हालांकि, विदेश सचिव डॉमिनिक रैब को अपने पद पर बरकरार रखा गया है।

माल्या के प्रत्यर्पण को दी थी मंजूरी

पाकिस्तानी मूल के पूर्व ब्रिटेन के वित्तमंत्री साजिद जाविद कैबिनेट मंत्री बनने वाले पहले एशियाई थे। जब उन्हें 2014 में डेविड कैमरन सरकार में संस्कृति, मीडिया और खेल राज्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। साल फरवरी 2018 में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के बाद भगोड़ा व्यापारी विजय माल्या के भारत में प्रत्यर्पण को मंजूरी दे थी।

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