प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजधानी दिल्ली में दो दिनों तक चलने वाले आसियान मैत्री रजत जयंती शिखर सम्मेलन में आसियान देशों के साथ हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली में दो दिनों तक चलने वाले भारत-आसियान शिखर सम्मेलन में कहा कि हमारी यह साझा यात्रा हजारों सालों से चली आ रही है और यह भारत के लिए सौभाग्य की बात है कि वह आसियान नेताओं की मेहमाननवाजी कर रहा है। आप सभी गणतंत्र दिवस के मौके पर हमारे अतिथि होंगे। आपकी सामूहिक मौजूदगी ने देश के करोड़ों भारतीयों के दिलों को छुआ है।
Your collective presence in India has touched hearts of my 1.25 Billion fellow Indians: PM Modi to ASEAN Leaders at #ASEANIndia Commemorative Summit pic.twitter.com/RCm9fscpyE
— ANI (@ANI) January 25, 2018
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, नियम आधारित समाजों और शांति के मूल्यों के लिए आसियान विजन साझा करता है। हम समुद्री क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए आसियान देशों के साथ काम करने के लिए कटिबद्ध हैं।
India shares the ASEAN vision for rule based societies and values of peace. We are committed to work with ASEAN nations to enhance collaboration in the maritime domain: PM Narendra Modi pic.twitter.com/fzUwenf1nQ
— ANI (@ANI) January 25, 2018
प्रधानमंत्री ने कहा कि 1992 में हमारी साझेदारी विकसित हुई और तबसे हमने पांच साल की कार्ययोजना के जरिए शांति, प्रगति और साझा समृद्धि के लिए आसियान भारत के उद्देश्यों को लागू करने में कामयाबी हासिल की है। उन्होंने कहा कि प्राचीन महाकाव्य रामायण में आसियान और भारतीय उपमहाद्वीप के बीच अहम साझा विरासत रहा है. बौद्ध धर्म हमें भी करीब से बांधे रखता है। दक्षिण पूर्वी एशिया के कई हिस्सों में इस्लाम में विशिष्ट भारतीय संबंध कई सदियों से देखने को मिल रहे हैं।
The Ramayana, the ancient India epic continues to be a valuable shared legacy in ASEAN & Indian subcontinent. Buddhism also binds us closely. Islam in many parts of South East Asia has distinctive Indian connection going back several centuries: PM Modi #ASEANIndia pic.twitter.com/YM6nrtl5Qu
— ANI (@ANI) January 25, 2018