सुप्रीम कोर्ट ने आज विवाहेतर संबंध को लेकर अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने एडल्टरी कानून के सेक्शन 497 को असंवैधानिक करार देते हुए इसे अपराध के दायरे से बाहर करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों का उदाहरण दिया और कहा कि इन देशों में ऐसा कानून नहीं है। इस दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि पति पत्नी का मालिक नहीं है।
इस मौके पर आइए जानते हैं दुनिया के अन्य देशों में विवाहेतर संबंध को लेकर क्या कानून हैं।
यूरोप, लैटिन अमेरिका और एशिया के कई देश और ऑस्ट्रेलिया में विवाहेतर संबंध अपराध नहीं है लेकिन इस्लामिक देशों में यह आज भी अपराध है और इसके लिए कठोर सजा का प्रावधान भी है।
इन देशों में एडल्टरी को अपराध से बाहर किया गया
भारत के अलावा एशिया के सिर्फ तीन देश दक्षिण कोरिया, फिलीपींस और ताइवान में विवाहेतर संबंध को अपराध की श्रेणी में रखा गया था। लेकिन दक्षिण कोरिया में 2015 में इसे अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया। जापान में 1947 में इसे अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया। फिलीपींस में इसे गंभीर अपराध तो नहीं माना गया लेकिन 4 महीने से लेकर 6 साल तक की सजा का प्रावधान भी किया गया।
इस्लामिक देशों में है कठोर सजा का प्रावधान
सऊदी अरब, पाकिस्तान और सोमालिया समेत कई मुस्लिम देशों में विवाहेतर संबंध न सिर्फ अपराध की श्रेणी में है बल्कि वहां इसके लिए गंभीर सजा का प्रावधान है। सऊदी अरब में इसके लिए पत्थर मार-मारकर जान से मारने की सजा है।
पाकिस्तान में ऐसे मामलों को दो श्रेणियों में बांटा जाता है। गंभीर अपराध के लिए पत्थर मार-मारकर मारने या 100 कोड़े सार्वजनिक रूप से मारने का प्रावधान है और दूसरे मामले में दस साल तक जेल की सजा हो सकती है।
सोमालिया में भी पत्थर मार-मारकर मारने की सजा का प्रावधान है। अफगानिस्तान में सार्वजनिक रूप से 100 कोड़े मारे जाते हैं।
मिस्र में महिलाओं को 2 साल तक जेल की सजा और पुरुष को छह महीने तक जेल की व्यवस्था है। वहीं, ईरान में इसे गंभीर अपराध माना जाता है और इसके लिए फांसी की सजा भी हो सकती है।
तुर्की में 1996 में इसे अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया था।
अमेरिका के राज्यों में अलग-अलग प्रावधान
अमेरिका के 21 राज्यों में विवाहेतर संबंध अवैध है। न्यूयॉर्क समेत कई राज्यों में पति या पत्नी को धोखा देने को मामूली जुर्म माना जाता है। इदाहो, मैसाचूसेट्स, मिशिगन, ओकलाहोमा और विसोकोंसिन जैसे राज्यों में यह घोर अपराध है, जिसकी सजा के तौर पर जुर्माना लिया जा सकता है या फिर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
भारत में एडल्टरी अब अपराध नहीं
आईपीसी के सेक्शन 497 के मुताबिक अगर कोई विवाहित पुरुष किसी शादीशुदा महिला से उसके पति की मर्जी के बिना शारीरिक संबंध बनाता है तो यह अपराध माना जाता था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस सेक्शन को असंवैधानिक करार दिया है।
शाइना जोसफ ने सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल करके आईपीसी की धारा 497 को भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक बताते हुए इसकी वैधता को चुनौती दी थी। उन्होंने तर्क दिया कि यह कानून केवल पुरुषों को सजा देता जबकि सहमति से बनाए गए इस संबंध के अपराध में महिलाएं भी बराबर की भागीदार होती हैं। अब तक हमारे देश में इस अपराध में दोषी पाए जाने पर पुरुष को पांच साल तक की सजा हो सकती थी, जबकि महिला पर उकसाने तक का मामला दर्ज नहीं हो सकता। मगर आज सुप्रीम कोर्ट ने एडल्टरी को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है।