उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण स्थल 'पुंगरी' पर हादसे में 200 से ज्यादा लोगों के मरने की खबर है। हादसा तीन सितंबर को उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण के बाद हुआ था। जापानी मीडिया ने मंगलवार को सूत्रों के हवाले से यह खबर दी। उत्तर कोरिया अपने यहां होने वाले हादसों को कभी स्वीकार नहीं करता। खासकर, परमाणु कार्यक्रम से जुड़े हादसों को तो बिल्कुल भी नहीं।
उत्तर कोरिया ने तीन सितंबर को छठा और अब तक का सबसे बड़ा भूमिगत परमाणु परीक्षण किया था। जापान के एक टीवी चैनल ने बताया है कि परीक्षण के कुछ दिन बाद वहां एक सुरंग ढह गई। शुरुआत में करीब 100 मजदूर वहां फंसे थे। इसके बाद राहत और बचाव कार्य के दौरान सुरंग का एक और हिस्सा ढह गया। इसके चलते 200 से ज्यादा लोगों की जान चली गई।
टीवी चैनल के मुताबिक, परमाणु परीक्षण के चलते ही हादसे के हालात पैदा हुए। परीक्षण के बाद यहां की जमीन ढीली और कमजोर हो गई थी। विशेषज्ञों ने चेतावनी भी दी थी कि भूमिगत परीक्षण की वजह से पहाड़ गिर सकता है और चीनी सीमा के नजदीक रेडिएशन लीक हो सकता है। पुंगरी में 2006 से लेकर अब तक 6 परीक्षण किए जा चुके हैं। 3 सितंबर को हुए परीक्षण के एक दिन बाद उपग्रह से ली गई तस्वीरों से पता चला था कि विस्फोट के चलते इलाके में कई भूस्खलन हुए थे। धमाके के चलते पहले 6.3 तीव्रता का भूकंप आया और फिर कुछ मिनटों बाद 4.1 तीव्रता का एक और भूकंप आया था।
जापान का मानना है कि उत्तर कोरिया ने 3 सितंबर को जिस हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था, वह 1945 में हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से आठ गुना ज्यादा शक्तिशाली था। दक्षिण कोरिया ने हादसे को लेकर कोई जानकारी होने से इंकार किया है। उत्तर कोरिया में हुए इस हादसे की रिपोर्ट ऐसे वक्त में सामने आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले सप्ताह दक्षिण कोरिया के दौरे पर आ रहे हैं। परमाणु कार्यक्रम को लेकर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के साथ काफी समय से उनकी जुबानी जंग चल रही है।