लेकिन पर्सन ऑफ द ईयर का आखिरी फैसला मैगजीन का संपादक मंडल करता है। इसमें ट्रंप ने पीएम मोदी से बाजी मार ली। टाइम के पर्सन ऑफ द ईयर की दौड़ में अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा, फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग और अमेरिकी नेता हिलेरी क्लिंटन भी शामिल थीं। हिलेेरी को टाइम मैगजीन ने इस साल दूसरे स्थान पर रखा है।
टाइम मैगजीन ने वेबसाइट पर अंतिम फैसले की घोषणा की। यह अवॉर्ड उस हस्ती को दिया जाता है जो अच्छे या बुरे कारणों से मीडिया में छाया रहा हो। टाइम मैगजीन बीते 89 सालों से यह खिताब दे रही है।
टाइम पत्रिका ने कहा कि इस साल डोनाल्ड ट्रंप को पर्सन ऑफ द ईयर चुना गया क्योंकि उन्होंने याद दिलाया कि डेमागॉजी यानी जनभावनाओं का दोहन करने वाली भाषणबाजी निराशा पर पलती है और कोई भी सच उतना ही शक्तिशाली होता जितना कि उसे बोलने वाली की विश्वसनीयता होती है। पत्रिका के अनुसार ट्रंप को उन छिपे हुए मतदाताओं के गुस्से और डर को मुख्य धारा में लाकर उन्हें शक्ति देने के लिए चुना गया है।
दौड़ में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिका की जिम्नास्ट साइमन बाइल्स, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और गायिका बेयोंसे नोल्स भी शामिल थे। साल 2010 में फेसबुक के सह संस्थापक मार्क जकरबर्ग, 2011 में दुनियाभर में हुए प्रदर्शनों में शामिल हुए लोगों को, 2012 में बराक ओबामा, 2013 पोप फ्रांसिस, 2014 में इबोला बीमारी से लड़ने वाले लोग और 2015 में जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को टाइम पर्सन ऑफ द ईयर चुना गया था।
मैगजीन के अनुसार भारतीय प्रधानमंत्री पीएम मोदी ने नोटों को बंद कर दिया और पेरिस क्लाइमेट समझौते पर दस्तखत किए हैं। इसके चलते मोदी की लोकप्रियता बढ़ी है। पीएम मोदी साल 2014 और 2015 में भी इस रेस में थे। साल 2014 में तो वे दूसरे पायदान पर रहे थे।