जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के भारत सरकार के फैसले को लेकर दुनिया भर से प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका ने मामले से जुड़े सभी पक्षों से एलओसी पर शांति बरतने की अपील की, वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से भी ऐसी ही प्रतिक्रिया सामने आई है। यूएन महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को कहा कि वह भारतीय पक्ष के कश्मीर में प्रतिबंधों की रिपोर्ट से अवगत हैं और इस मामले से जुड़े सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील करते हैं। वहीं अमेरिका ने जम्मू कश्मीर में कार्रवाई को पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला बताया है। हालांकि, इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर चिंता जताई।
दुजारिक ने कहा कि उन्हें भारत और पाकिस्तान में तैनात यूएन मिलिट्री ऑब्जर्वर ग्रुप (यूएनएमओजीआईपी) के जरिए यह रिपोर्ट मिली थी कि लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर सैन्य गतिविधियों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि हम इस क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति को लेकर चिंतित हैं और 'भारतीय पक्ष' के कश्मीर में प्रतिबंध की रिपोर्टों से अवगत हैं। दुजारिक ने मामले से जुड़े सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।
अमेरिका ने सभी पक्षों से एलओसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की
संयुक्त राज्य अमेरिका ने सभी पक्षों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील की है। मीडिया से बात करते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने कहा कि अमेरिका भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रहा है।
ओर्टागस ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि हम नियंत्रण रेखा पर सभी पक्षों से शांति और स्थिरता बनाए रखने की अपील करते हैं। जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को खत्म किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम जम्मू कश्मीर की घटनाओं पर करीब से नजर रख रहे हैं। हमने जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में तब्दीली की भारत की घोषणा और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों में बांटने की योजना को संज्ञान में लिया है।
अमेरिका ने बताया आतंरिक मामला मगर मानवाधिकारों को लेकर जताई चिंता
प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने जम्मू कश्मीर में कार्रवाई को पूरी तरह से आंतरिक मामला बताया है। हालांकि, इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर चिंता जताई। प्रवक्ता ने कहा, 'हम (जम्मू कश्मीर में) हिरासत की खबरों पर चिंतित हैं और लोगों के अधिकारों के सम्मान तथा प्रभावित समुदायों से चर्चा की अपील करते हैं।'