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संयुक्त राष्ट्र के बाहर बलूच कार्यकर्ताओं ने किया पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन

बलूच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा मानवता के खिलाफ किए जा रहे अपराधों को रेखांकित करते हुए आजादी की मांग की।
संयुक्त राष्ट्र के बाहर बलूच कार्यकर्ताओं ने किया पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर यह विरोध प्रदर्शन फ्री बलूचिस्तान मूवमेंट (एफबीएम) ने आयोजित किया था। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर की सड़क पर इस प्रदर्शन का आयोजन महासभा के 71वें सत्र की शुरूआत के समय किया गया। अमेरिकी और बलूच झंडों को लहराते हुए प्रदर्शनकारियों के एक छोटे समूह ने अपने हाथ में बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद करो, बलूचिस्तान में बमबारी बंद करो और बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है के नारों वाले बैनर उठाए हुए थे। एफबीएम ने एक बयान में कहा कि इन प्रदर्शनों का उद्देश्य बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सरकार द्वारा मानवता के खिलाफ अपराधों को रेखांकित करना और बलूच राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष के बारे में जागरूकता फैलाना है। संगठन ने कहा कि पाकिस्तान ने 1948 में जब से बलूचिस्तान पर कब्जा किया है, वह मानवाधिकारों के भारी उल्लंघन करता रहा है और निर्दोष बलूच लोगों को मारता रहा है। पाकिस्तानी सरकार ने निशाना बनाकर हत्याएं कर, अंधाधुंध बमबारी और जबरन लापता करवाकर बलूच लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है।

कुछ प्रदर्शनकारियों की सफेद टी-शर्ट पर काले रंग से लिखा था, बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का खौफनाक उल्लंघन। प्रदर्शन कर रहे लोग कुछ नारे लगा रहे थे, भारत बलूचिस्तान की मदद करो, बलूचिस्तान की आजादी, बलूच लोगों का जनसंहार बंद करो, यूएन कहां हो तुम, पाकिस्तान को धन देना बंद करो, बलूचिस्तान दूसरा बांग्लादेश है और बलूचिस्तान को तोड़ना बंद करो। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी बलों पर पिछले कुछ साल में लगभग 5000 लोगों को मारने और लगभग 20,000 लोगों को जबरन लापता करने का आरोप लगाया। ये प्रदर्शन ऐसे समय पर हो रहे हैं, जब महज एक सप्ताह बाद ही विभिन्न देशों और सरकारों के प्रमुख वैश्विक संस्था के मुख्यालय पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र के दौरान उच्च स्तरीय आम बहस के लिए जुटने वाले हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 21 सितंबर को महासभा को संबोधित करेंगे। इसके पांच दिन बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज वैश्विक नेताओं को संबोधित करेंगी। अमेरिका ने कहा कि वह बलूचिस्तान की आजादी का समर्थन नहीं करता और पाकिस्तान की एकजुटता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करता है।

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