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शेख हसीना के बयानों से बांग्लादेश परेशान, भारतीय राजदूत को पत्र लिख दर्ज कराया विरोध

बांग्लादेश ने भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त के समक्ष विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री...
शेख हसीना के बयानों से बांग्लादेश परेशान, भारतीय राजदूत को पत्र लिख दर्ज कराया विरोध

बांग्लादेश ने भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त के समक्ष विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की ‘‘झूठी और मनगढ़ंत टिप्पणियां’’ ढाका के प्रति ‘‘शत्रुतापूर्ण कृत्य’’ हैं।

बता दें कि हसीना ने बुधवार को भारत में अपने निर्वासन के दौरान अपने समर्थकों को ऑनलाइन तरीके से संबोधित किया था।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार विदेश मंत्रालय ने यहां भारत से कहा कि ‘‘वह आपसी सम्मान और समझ की भावना के अनुरूप तुरंत उचित कदम उठाए, ताकि उन्हें (हसीना) भारत में रहते हुए सोशल मीडिया और अन्य संचार माध्यमों का इस्तेमाल करके इस तरह के झूठे, मनगढ़ंत और भड़काऊ बयान देने से रोका जा सके।’’

यह घटनाक्रम हसीना द्वारा बुधवार रात सोशल मीडिया के माध्यम से दिए गए भाषण के एक दिन बाद सामने आया है, जिसमें उन्होंने देशवासियों से मौजूदा शासन के खिलाफ संगठित तौर पर प्रतिरोध का आह्वान किया था।

बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के ढाका स्थित आवास में बुधवार को प्रदर्शनकारियों के एक बड़े समूह ने तोड़फोड़ की थी और आग लगा दी थी। यह तोड़फोड़ उस समय की गई थी जब उनकी बेटी एवं अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना ऑनलाइन तरीके से लोगों को संबोधित कर रही थीं।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के विदेश मामलों के सलाहकार एम तौहीद हुसैन ने अपने कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘क्योंकि भारत के उच्चायुक्त यहां नहीं थे, इसलिए हमने भारत के उप उच्चायुक्त (पवन बाधे) को बुलाया और उन्हें अपना विरोध पत्र सौंपा। उन्होंने हसीना के हाल के बयानों को ‘‘अत्यधिक आक्रामक’’ बताया और कहा कि इनसे युवा पीढ़ी की भावनाएं आहत हो सकती हैं।

हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश ने पहले भी भारत से उन्हें (हसीना) ऐसी गतिविधियों में शामिल होने से रोकने का आग्रह किया था, “लेकिन हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।” उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को एक बार फिर अपनी आपत्तियां व्यक्त कीं। उन्होंने कहा, ‘‘हम देखेंगे कि भारत क्या कार्रवाई करता है।’’

इस बीच विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसने भारत सरकार के समक्ष हसीना द्वारा सोशल मीडिया समेत विभिन्न मंचों पर लगातार की जा रही ‘‘झूठी मनगढ़ंत टिप्पणियों और बयानों’’ को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया है, जिससे बांग्लादेश में अस्थिरता का माहौल पैदा हो रहा है।

 

बयान के अनुसार ढाका में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त को सौंपे गए विरोध पत्र में बांग्लादेश ने ‘‘गहरी चिंता, निराशा और गंभीर आपत्ति’’ जताई है और कहा कि इस तरह के बयान देश के लोगों की ‘‘भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं’’।

मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी ऐसी गतिविधियां ‘‘बांग्लादेश के प्रति शत्रुतापूर्ण कृत्य हैं और दोनों देशों के बीच बेहतर संबंध स्थापित करने के प्रयासों के लिए अनुकूल नहीं हैं।’’

हसीना (77) पिछले साल पांच अगस्त से भारत में रह रही हैं, जब वह छात्रों के नेतृत्व में हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बीच बांग्लादेश से भारत चली गई थीं। इन व्यापक प्रदर्शन के बाद उनकी अवामी लीग की 16 साल पुरानी सरकार गिर गयी थी।

हसीना ने बुधवार रात को अपने संबोधन में कहा था, ‘‘वे इमारत को ध्वस्त कर सकते हैं, लेकिन इतिहास को नहीं… लेकिन उन्हें यह भी याद रखना चाहिए कि इतिहास अपना बदला लेता है।’’

हसीना ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा था, ‘‘उनके पास अभी भी राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और उस स्वतंत्रता को ‘बुलडोजर’ से नष्ट करने की ताकत नहीं है, जिसे हमने लाखों शहीदों के बहुमूल्य जीवन को गंवाकर हासिल किया है।’’

बांग्लादेश में प्रदर्शनकारियों ने पूर्व प्रधानमंत्री हसीना की अवामी लीग पार्टी के कई नेताओं के घरों में तोड़फोड़ की और देश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान के ढाका स्थित एक स्मारक में तोड़फोड़ के साथ ही उनके भित्ती चित्रों को नुकसान पहुंचाया।

सोशल मीडिया पर ‘बुलडोजर जुलूस’ के आह्वान के बाद देश की राजधानी ढाका के धानमंडी इलाके में मुजीबुर रहमान के आवास के बाहर बुधवार रात बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ और आगजनी की घटना को उस समय अंजाम दिया जब मुजीबुर रहमान की बेटी और अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना लोगों को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करने वाली थीं।

बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में भी तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया में हिंसा को लेकर कवरेज के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए हुसैन ने कहा, ‘‘हमें धानमंडी 32 में हुई हिंसा पर नकारात्मक प्रतिक्रियाओं की आशंका है। लेकिन हम इसे जनता के गुस्से की अभिव्यक्ति मानते हैं।’’

भारत के साथ मौजूदा समझौतों को लेकर पूछे गये एक सवाल का जवाब देते हुए हुसैन ने कहा कि अदाणी समूह के साथ समझौता बांग्लादेश के सर्वोत्तम हित में नहीं है।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक प्रमुख सलाहकार ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपना ध्यान ‘‘विनाशकारी’’ कृत्यों से हटाकर रचनात्मक कार्यों पर लगाएं।

बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने हसीना और कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सलाहकारों और सैन्य एवं असैन्य अधिकारियों के खिलाफ ‘‘मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार’’ के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

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