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बाइडेन और जिनपिंग के बीच वर्चुअल मीटिंग, बाइडेन ने कहा- प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में बदलने से रोकना होगा

कोरोना वायरस, ताइवान समेत कई मुद्दों पर जारी तनातनी के बीच आज अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के...
बाइडेन और जिनपिंग के बीच वर्चुअल मीटिंग, बाइडेन ने कहा- प्रतिस्पर्धा को संघर्ष में बदलने से रोकना होगा

कोरोना वायरस, ताइवान समेत कई मुद्दों पर जारी तनातनी के बीच आज अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के प्रेसिडेंट शी जिनपिंग के बीच वर्चुअल मीटिंग जारी है। इस दौरान बाइडेन ने कहा कि उनका मकसद प्रतिस्पर्धा को बनाए रखना है, न कि संघर्ष को बढ़ावा देना। राष्ट्रपति बाइडेन मानवाधिकार के मसलों को लेकर चीन की कई बार आलोचना कर चुके हैं।

बता दें कि बाइडेन और जिनपिंग के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हो रही है, जब दोनों के बीच तनाव काफी बढ़ा हुआ है।

चीन के शी जिनपिंग के साथ वर्चुअल बैठक की शुरुआत करते हुए जो बाइडेन ने कहा कि उनका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रतिस्पर्धा संघर्ष में न बदल जाए। अमेरिका-चीन संबंधों में बढ़ते तनाव के बीच दोनों नेताओं ने वर्चुअल तरीके से मुलाकात की है।

जो बाइडेन ने बैठक की शुरुआत में कहा कि दुनिया और अपने लोगों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सभी देशों को एक समान नियमों से खेलना होगा। बताया जाता है कि जो बाइडेन चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहते थे, मगर चीनी नेता ने कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से पहले अपना देश नहीं छोड़ा है। जब चीन व्यक्तिगत मुलाकात के लिए नहीं माना तब व्हाइट हाउस ने ही वर्चुअल मीटिंग का आइडिया सुझाया।

बता दें कि जो बाइडेन ने उत्तर पश्चिमी चीन में उइगरों के खिलाफ मानवाधिकारों के हनन, हांगकांग में लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन को कुचलने और ताइवान के स्व-शासित द्वीप के खिलाफ सैन्य आक्रमण और बहुत कुछ पर बीजिंग की आलोचना की है। हालांकि, शी के प्रतिनिधि भी बाइडेन और व्हाइट हाउस को दखलअंदाजी के लिए फटाकर चुके हैं, क्योंकि चीन इन मुद्दों को अपना आंतरिक मामला मानता आया है।

वहीं, बैठक के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बाइडेन से कहा कि दोनों पक्षों को संचार में सुधार करने की जरूरत है। शी जिनपिंग ने बाइडेन से मीटिंग की शुरुआत में कहा कि मैं अपने पुराने दोस्त को देखकर बहुत खुश हूं। बता दें कि जब दोनों नेता उप राष्ट्रपति थे, तब दोनों ने साथ में यात्राएं की थीं और दोनों एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं।

बराक ओबामा और जॉर्ज डब्ल्यू बुश प्रशासन में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में एशिया सलाहकार के रूप में कार्य कर चुके मैथ्यू गुडमैन ने कहा, 'बात जब अमेरिकी-चीन संबंधों की होती है, तो अंतर इतना बड़ा है और प्रवृत्तियां इतनी संकटपूर्ण हैं कि निजी बातचीत कुछ हद तक ही इसमें सुधार ला सकती हैं।'

इससे पहले 2013 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति बाइडन की चीन यात्रा के दौरान जिनपिंग ने उन्हें 'पुराना मित्र' बताया था जबकि बाइडन ने दोनों की 'दोस्ती' के बारे में बात की थी।

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