अमेरिकी रक्षा मुख्यालय ने जानकारी दी है कि अमेरिकी ईपी-3 टोही विमान को दो चीनी जे-11 सामरिक विमानों ने असुरक्षित तरीके से रोका। उसके विमान को दक्षिण चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में रोका गया। पेंटागन के प्रवक्ता कैप्टन जेफ डेविस ने एक बयान में कहा कि चीनी विमान एक समय अमेरिकी विमान के 50 फुट नजदीक तक आ गए थे। डेविस ने कहा, हमने द्विपक्षीय विश्वास निर्माण उपायों एवं सैन्य समुद्री मंत्रणात्मक समझौते के तहत कई स्तरों पर वार्ता बढ़ाकर हमारे एवं चीन के बलों के बीच तनाव कम करने की कोशिश की है। डेविस ने कहा, हमने गत वर्ष में चीनी जनवादी गणराज्य की कार्रवाई में सुधार देखा है, वे सुरक्षित और पेशेवर तरीके से उड़ान भर रहे हैं। हम उचित राजनयिक एवं सैन्य माध्यमों से मामले से निपटने की कोशिश कर रहे हैं।
अमेरिकी विमान को ऐसे समय पर रोका गया है जब कुछ ही दिन पहले ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल जोसेफ डनफर्ड ने दक्षिण चीन सागर में तनाव कम करने के प्रयासों के तहत चाइनीज पीपल्स लिबरेशन आर्मी के ज्वाइंट स्टाफ डिपार्टमेंट के प्रमुख फांग फेंघुई के साथ वीडियो टेलीकांफ्रेंस की थी। दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन और अमेरिका के बीच बहुत तनावपूर्ण स्थिति रही है। यह अहम नौवहन मार्ग है जिसे कई उर्जा संसाधनों का भंडार माना जाता है। चीन इस सागर के लगभग सभी क्षेत्रों पर अपना दावा करता रहा है। इस पर फिलीपीन, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताईवान भी दावा पेश करते हैं। वहीं अमेरिका भी नौवहन की स्वतंत्रता का हवाला देते हुए चीन के दावे वाले जल क्षेत्र में अपने युद्धपोत भेजता रहा है। चीन अमेरिका के इस प्रकार के कदमों का विरोध करता रहा है। उसका आरोप है कि अमेरिकी हस्तक्षेप उसकी संप्रभुता एवं सुरक्षा को खतरा पैदा करता है और लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालता है। इसके अलावा यह क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को नुकसान पहुंचा रहा है।