विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को भारत और युगांडा में कोवीशील्ड की नकली वैक्सीन मिली है। जिसके बाद स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई है। चिंता की बात ये है कि इससे दस डोजे भी लगाई गई है। नकली कोवीशील्ड मिलने के बाद डब्ल्यूएचओ ने मेडिकल प्रोडक्ट्स को लेकर दुनिया के सभी टीकाकरण किए जाने वाले देशों को चेतावनी जारी की है। वहीं, कोवीशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि वो कोवीशील्ड की 2ml की शीशी में सप्लाई ही नहीं करता है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है, “सीरम ने लिस्ट में दर्ज वैक्सीन के नकली होने की पुष्टि की है। इनके बारे में डब्ल्यूएचओ को भारत और युगांडा में मरीजों के स्तर से ही जानकारी मिली थी। इनके नकली होने का पता वैक्सीन पर लिखी जाने वाली जरूरी जानकारी के सही तरीके से ना होने से पता चला है।'
डब्ल्यूएचओ ने दक्षिण एशिया और अफ्रीका में नकली दवाइयों और वैक्सीन मिलने पर मेडिकल प्रोडक्ट अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य संगठन को कोवीशील्ड की नकली वैक्सीन के बारे में इस साल जुलाई-अगस्त में जानकारी मिली थी। अब संगठन ने मेडिकल प्रोडक्ट्स की सप्लाई चेन पर निगरानी रखने की सलाह सभी देशों को दी है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि नकली कोरोना वैक्सीन की पहचान करके इसे तुरंत नष्ट किया जाना चाहिए। नकली वैक्सीन दुनियाभर में लोगों की सेहत से जुड़ा बहुत बड़ा खतरा है। इससे रिस्क जोन में आने वाले लोग और स्वास्थ्य सुविधाओं पर एक्स्ट्रा लोड बढ़ेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नकली और घटिया मेडिकल प्रोडक्ट्स को लेकर डब्ल्यूएचओ के ग्लोबल सर्विलांस एंड मॉनिटरिंग सिस्टम ने कोवीशील्ड की नकली वैक्सीन का पता लगाया है। युगांडा में मिली नकली कोवीशील्ड की शीशी 5 ml की थी, जिसमें 10 डोज लगाने की बात कही गई।