विदेश मंत्रालय ने 11 बिंदुओं वाले अपने जवाब में कहा कि चीन के सैनिकों ने चुंबी घाटी में तिब्बती भूभाग डोकलम में जबरन प्रवेश कर सड़क बनाने की कोशिश की है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि 16 जून को चीन की सेना का दल डोकलम इलाके में सड़क बनाने के लिए घुसी था। रॉयल भूटान आर्मी ने इस पर आपत्ति की और चीनी सैनिकों को ऐसा करने से रोका। उधर भूटान के राजदूत ने भी कहा कि उसने दिल्ली में भारतीय दूतावास के जरिए 20 जून को चीनी सरकार के सामने अपना विरोध जताया था।
साथ ही रक्षामंत्री अरुण जेटली ने चीन की धमकी के जवाब में कहा कि 2017 का भारत 1962 के भारत से काफी अलग है। गौरतलब है कि चीन ने भारत को 1962 के युद्ध की याद दिलाई थी। जेटली ने कहा कि 1962 और आज की परिस्थिति में काफी फर्क है। आज का भारत काफी अलग है।
अरुण जेटली ने कहा कि भूटान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि चीन की तरफ से शांति भंग करने की कोशिश की गई। इससे अब स्थिति पूरी तरह से साफ हो गई है। एक दिन पहले ही चीन ने कहा था कि भारत चीन के क्षेत्र से अपने सैनिक हटाए तभी अर्थपूर्ण बातचीत हो सकती है।