पुलवामा आतंकी हमले के मास्टमाइंड आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर आज संयुक्त राष्ट्र परिषद (यूएनएससी) की बैठक में चर्चा होगी। अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। हालांकि चीन ने अभी तक इस मामले में अपना रुख साफ नहीं किया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार बुधवार को यूएनएससी की ‘1267 समिति’ द्वारा इस प्रस्ताव को उठाये जाने की उम्मीद है। भारत और यूएनएससी के अन्य सदस्यों द्वारा लाये गये इस तरह के प्रस्तावों पर 3 बार रोड़े अटका चुके चीन ने अभी अपने रुख की घोषणा नहीं की है।
निगाहें चीन पर
अगर चीन आज मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव का विरोध नहीं करता है तो, जैश सरगना वैश्विक आतंकी घोषित किया जाएगा। सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य चीन अगर इस प्रस्ताव का विरोध करता है तो आतंकी मसूद फिर वैश्विक आतंकी घोषित होने से बच सकता है। 2017 में भी चीन ने ऐसा ही किया था और जैश सरगना वैश्विक आतंकी घोषित होने से रह गया। भारत ने अमेरिका और फ्रांस के साथ पुलवामा हमले के बाद कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज शेयर किए हैं, ताकि अपना पक्ष मजबूत कर सके। इस मुद्दे पर भारत की अपील और चीन के रुख के बारे में कुछ दिन पहले पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा था, ‘पहले तो मैं आपसे यह कहना चाहता हूं कि यूएनएससी यूएन की एक मुख्य संस्था है और इसके पास कड़े मानक और प्रक्रिया के नियम हैं। कुछ रिपोर्टों में यूएनएससी के अंदर की जानकारी दी गई है। मुझे नहीं पता कि क्या इसे एक सबूत के रूप में गिना जा सकता है।’
परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में शामिल चीन अब तक यह कहता आया है कि अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। पुलवामा हमले के बाद वैश्विक आक्रोश के मद्देनजर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस को उम्मीद है कि इस बार चीन समझदारी से काम लेगा और उनके कदम को बाधित नहीं करेगा।
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार: अमेरिका
वहीं अमेरिका ने कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार है और ऐसा नहीं किया जाना क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति के लिए खतरा होगा। अमेरिका ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अहम निर्णय लिए जाने की पूर्व संध्या पर मंगलवार को यह बयान दिया। विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अजहर जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक और सरगना है तथा उसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं।’’ उन्होंने कहा कि जैश कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है और वह क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति के लिए खतरा है। पलाडिनो ने कहा कि अमेरिका और भारत आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम कर रहे हैं।
कौन है मसूद?
50 वर्षीय अजहर ने भारत में कई आतंकवादी हमले कराए हैं और वह संसद, पठानकोट वायुसेना स्टेशन, उरी तथा जम्मू-कश्मीर में कई अन्य जगह सैन्य शिविरों पर हमले और हाल में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आत्मघाती हमले का साजिशकर्ता है। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश के हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तीन स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए प्रस्ताव पेश किया था। इससे पहले सुरक्षा परिषद में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने की कई कोशिशों को पाकिस्तान का मित्र चीन बाधित कर चुका है।