लेबनान के प्रधानमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सोमवार को उनका इस्तीफा हुआ। हाल में बेरूत में हुए धमाके के बाद पूरे लेबनान में विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रधानमंत्री का कहना है कि लेबनान में भ्रष्टाचार इस कदर बढ़ गया है कि उसने देश के हितों को भी पीछे छोड़ दिया है।
बेरुत में बीते 4 अगस्त को बंदरगाह पर स्टोर करके रखे गए दो हजार टन अमोनियम नाइट्रेट में विस्फोट हो गया था। इस धमाके में अब तक 160 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 6,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। बताया जाता है कि अभी भी सैकड़ों लोग लापता हैं जिनकी तलाश जारी है।
इस घटना के बाद पूरे लेबनान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए और सरकार से इस्तीफे की मांग की जाने लगी। बीते दिन लेबनान के तीन मंत्रियों ने इस्तीफा दिया। इसके बाद टीवी पर प्रसारित एक संबोधन में प्रधानमंत्री हसन डेब ने बताया कि उनकी पूरी सरकार इस्तीफा दे रही है।
बेरूत में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। यहां तक कि प्रदर्शनकारी लेबनानी संसद का भी घेराव कर रहे हैं। यह विरोध पिछले तीन दिन से जारी है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री ने इस्तीफे का ऐलान किया और कहा कि ईश्वर लेबनान की रक्षा करें। यह बात उन्होंने तीन बार दोहराई और इस्तीफे का ऐलान किया।
बता दें कि पिछले अक्टूबर से ही लेबनान में छिटपुट विरोध प्रदर्शन की घटनाएं हो रही थीं। लेबनान के लोगों का आरोप है कि सरकार भ्रष्टाचार में इतनी डूब गई है कि उसे लोगों के कल्याण की जरा भी परवाह नहीं। हालांकि सरकार इन विरोध प्रदर्शनों के बावजूद चलती रही लेकिन बेरूत धमाके ने पूरी सरकार को घुटने पर ला दिया।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री हसन डेब ने बेरूत की माली हालत के लिए भ्रष्ट नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। डेब ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि उन्हें (कथित भ्रष्ट नेता) खुद पर शर्म आनी चाहिए क्योंकि उनकी करतूत ने लेबनान को इस हाल में छोड़ दिया है। मुझे लगता है कि यहां भ्रष्टाचार देश से भी सर्वोच्च हो गया है जिसने पूरे सिस्टम को पंगु बना दिया है। अब हालत यह है कि समझ में नहीं आ रहा कि इससे कैसे निजात मिले।
बता दें कि डेब लेबनान के प्रधानमंत्री बनने से पहले अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ बेरूत में प्रोफेसर थे।