भारतीय अधिकारियों ने आज कहा कि मोदी जब अपनी यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण में 13-14 मार्च को श्रीलंका में होंगे तब भारत श्रीलंकाई प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की विवादास्पद टिप्पणी के बीच अपने मछुआरों के अधिकारों के मानवीय मुद्दे का हल निकालने का प्रयास करेगा।
मोदी जफना जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे जहां वह भारतीय सहायता से निर्मित मकानों को सौंपेंगे। भारत का कोई प्रधानमंत्री इस द्वीपीय देश की 28 वर्षों के अंतराल के बाद यात्रा कर रहा है। इससे पहले राजीव गांधी ने 1987 में इस देश की यात्रा की थी।
जाफना में करीब 20 हजार मकानों का निर्माण किया गया है जिसे भारत ने श्रीलंका में जारी एक महत्वपूर्ण सहयोग परियोजना करार दिया है।
एक संवाददाता सम्मेलन में विक्रमसिंघे की उस टिप्पणी को लेकर उठे विवाद के बारे में पूछे जाने पर कि भारतीय मछुआरों ने यदि श्रीलंका की समुद्री सीमा का उल्लंघन किया तो उन्हें गोली मारी जा सकती है, विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कोलंबो में पिछले शनिवार को विक्रमसिंघे से मुलाकात के दौरान इस मामले को उठाया था।
जयशंकर ने कहा, आज यह स्वीकार किया जाता है कि (मछुआरों की) आजीविका का मुद्दा है। एक मानवीय पहलू है। हम उम्मीद करते है कि हम श्रीलंका के साथ बैठकर इस मुद्दे का हल खोजेंगे।