पोप फ्रांसिस ने मदर टेरेसा के दूसरे 'चमत्कार' को मान्यता दे दी है जिससे अगले साल उन्हें संत घोषित किए जाने का रास्ता साफ हो गया है। एक कैथोलिक अखबार एवेनर में छपी रिपोर्ट के अनुसार, मदर टेरेसा को वर्ष 2016 में संत की उपाधि दी जा सकती है। मदर टेरेसा का यह चमत्कार ब्रेन ट्यूमर्स से पीड़ित ब्राजीली के एक व्यक्ति के उपचार से जुड़ा है। मदर टेरेसा को मानव सेवा के लिए नोबल शांति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उम्मीद की जा रही है कि अगले साल सिंतबर में मदर टेरेसा को संत की उपाधि दी जाएगी।
मदर टेरसा ने 1950 में कोलकाता में मिशनरीज़ ऑफ चेरिटी की स्थापना की थी और करीब 45 साल तक वह गरीब, बीमार और अनाथ लोगों की सेवा में जुटी रहीं। उन्हें सन 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार और 1980 में भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया। सन 1997 में 87 साल की उम्र में मदर टेरेसा का देहांत हुआ था। उनकी मृत्यु के बाद पोप जॉन पॉल द्वितीय ने उन्हें 'धन्य' घोषित करते हुए 'कोलकाता की धन्य' की उपाधि प्रदान की थी।