पिछले काफी समय से अफगानिस्तान में जारी हिंसा के बीच तालिबान ने कहा है कि वो अफगानिस्तान में किसी दूतावास या राजनयिक को निशाना नहीं बनाएगा। तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा कि हमारी तरफ से दूतावासों और राजनयिकों को कोई खतरा नहीं है। हम किसी दूतावास या राजनयिक को निशाना नहीं बनाएंगे। हमने अपने बयानों में कई बार ऐसा कहा है। यह हमारी प्रतिबद्धता है।
समाचार एजेंसी एएनआइ को तालिबान के प्रवक्ता ने बताया कि हम अफगानिस्तान के लोगों के लिए किए गए हर काम की सराहना करते हैं जैसे बांध, राष्ट्रीय और बुनियादी ढांचा परियोजनाएं और कुछ भी जो अफगानिस्तान के विकास, पुनर्निर्माण और लोगों के लिए आर्थिक समृद्धि के लिए है।
तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने कहा कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल के हमारे प्रतिनिधिमंडल से मिलने की खबरें थीं लेकिन मैं इसकी पुष्टि नहीं कर सकता। मेरी जानकारी के अनुसार, कोई अलग से बैठक नहीं हुई है, लेकिन कल दोहा में हमारी एक बैठक थी, जिसमें एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भी भाग लिया था।
तालिबान के प्रवक्ता ने आगे कहा कि वे (भारत) अफगान लोगों या राष्ट्रीय परियोजनाओं की मदद करते रहे हैं। वे इसे अतीत में करते थे। मुझे लगता है कि यह कुछ ऐसा है जिसकी सराहना की जाती है। तालिबान प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन एएनआइ को अगर वे (भारत) अफगानिस्तान में सैन्य उपस्थिति दर्ज करते हैं और उनकी मौजूदगी होती है तो मुझे लगता है कि यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने अन्य देशों के अफगानिस्तान में सैन्य उपस्थिति का हाल देखा है इसलिए यह उनके लिए एक खुली किताब है।
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने यह पूछे जाने पर कि क्या तालिबान भारत को आश्वस्त कर सकता है कि उसके खिलाफ अफगानिस्तान धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इस पर तालिबान प्रवक्ता ने कहा कि हमारी एक सामान्य नीति है कि हम किसी को भी पड़ोसी देशों सहित किसी भी देश के खिलाफ अफगान धरती का उपयोग करने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद सुहैल शाहीन ने तालिबान के पाक-आधारित आतंकी समूहों के साथ गहरे संबंध होने पर एएनआइ को बताया कि ये निराधार आरोप हैं।ये जमीनी हकीकत पर आधारित नहीं हैं बल्कि राजनीतिक रूप से प्रेरित लक्ष्यों के आधार पर हमारे प्रति उनकी कुछ नीतियों के आधार पर हैं।
अफगानिस्तान के पक्तिया में एक गुरुद्वारे से निशान साहिब को हटाने पर तालिबान ने कहा कि उस झंडे को सिख समुदाय ने ही हटाया था। जब हमारे सुरक्षा अधिकारी वहां गए तो उन्होंने कहा कि झंडा देखा तो कोई उन्हें परेशान करेगा। साथ ही कहा कि हमारे लोगों ने उन्हें आश्वासन दिया और उन्होंने इसे फिर से फहराया।