संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने गुरुवार को पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया और जम्मू-कश्मीर पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार को लेकर पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई। भारत के राजदूत और संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिध सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान का प्रतिनिधिमंडल झूठ का पर्याय है और भारत के खिलाफ आपके दुष्प्रचार और झूठ को यहां कोई मानने वाला नहीं है। बता दें कि गुरुवार को अमेरिका समेत 16 देशों के विदेशी राजनयिक कश्मीर दौरे पर पहुंचे हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक डिबेट के दौरान सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान लगातार झूठ प्रोपगैंडा का प्रचार प्रसार करता आ रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को ऐसी हरकतों से बाज आना चाहिए।
‘पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल झूठ का पर्याय है’
गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान के मनिर अकरम के संबोधन के बाद सैयद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान को फटकार लगाते हुए कहा कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल झूठ का पर्याय है और यहां एक बार फिर से उसने झूठ फैलाने की कोशिश की है। हम इसको पूरी तरह से खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि आप यहां जो प्रोपैगेंडा फैला रहे हैं, उसको सुनने वाला यहां कोई नहीं है।
‘पड़ोसी को अपनी गड़बड़ियों का इलाज खुद ही करना चाहिए’
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अकबरुद्दीन ने आगे कहा कि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से मेरा बहुत सरल सा जवाब है कि पड़ोसी को अपनी गड़बड़ियों का इलाज खुद ही करना चाहिए। हालांकि, यह लेट हो गया है। यहां आपकी बात कोई सुनने वाला नहीं है। गौरतलब है कि इससे पहले भी सैयद अकबरुद्दीन पाकिस्तान को आइना दिखाते रहे हैं।
पाक के प्रतिनिधि ने जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत पर लगाए कई आरोप
पाकिस्तान के प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने जम्मू-कश्मीर को लेकर भारत पर कई आरोप लगाए थे। इसके जवाब में अकबरुद्दीन ने ओपेन डिबेट में कहा- यहां एक प्रतिनिधि है जो झूठ का प्रतीक है और आज उन्होंने फिर से झूठ फैलाया है। हम इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हैं। पाकिस्तान से मैं यहीं कहना चाहता हूं कि अब बहुत देर हो चुकी है, उन्हें अपनी हरकतों से बाज आना चाहिए।
‘भारत ने 2019 में 3000 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया’
अकरम ने कहा था- भारत ने जम्मू-कश्मीर ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान पर भी अपना दावा करते हुए नए राजनीतिक नक्शा जारी किया है। साथ ही भारत ने 2019 में नियंत्रण रेखा पर 3000 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।
काउंसिल में प्रमाणिकता और पहचान का संकट बढ़ रहा: अकबरुद्दीन
अकबरुद्दीन ने कहा- काउंसिल में प्रमाणिकता, प्रासंगिकता और पहचान का संकट बढ़ रहा है। आतंकवाद के नेटवर्क का वैश्वीकरण हो रहा है, नई तकनीक का शस्त्रीकरण हो रहा है। आतंकवाद के खिलाफ कड़े फैसले लेने में असमर्थता काउंसिल की कमियों को दिखाता है। आज के समय में संयुक्त राष्ट्र अपनी पहचान और वैद्धता के संकट से गुजर रहा है। काउंसिल में बड़े बदलाव की जरूरत है। हमें ऐसी परिषद की जरूरत है जो वर्तमान वैश्विक वास्तविकताओं का प्रतिनिधि हो। न कि वह केवल इस दावे पर टिकी हुई हो कि वह शुरुआत में मौजूद थी। काउंसिल को 21वीं सदी के उद्देश्यों के अनुसार फिट होनी जरूरत है।