पाकिस्तान ने अमेरिका को ये आश्वासन दिया है कि वह आतंकवादियों से सख्ती से कार्रवाई करेगा और भारत के साथ तनाव को कम करने के लिए कदम उठाएगा। इस बात की जानकारी व्हाइट हाउस के अधिकारी ने दी है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बॉल्टन ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से फोन पर बात की है। कुरैशी ने उन्हें आतंकियों से निपटने का आश्वासन दिया है। इस बात की जानकारी बॉल्टन ने ट्वीट कर दी है। बॉल्टन ने कहा, "जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ सार्थक कदम उठाने के लिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से बात की। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि पाकिस्तान आतंकियों से सख्ती से निपटेगा और भारत के साथ तनाव को कम करने के लिए कदम बढ़ाना जारी रखेगा।"
भारत-अमेरिका का दबाव आया काम
बॉल्टन ने कुरैशी से ऐसे समय पर बात की है जब भारत के विदेश सचिव विजय गोखले अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। उन्होंने अपने दौरे के पहले दिन अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिका पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर लगातार दबाव बनाता रहेगा।
पाकिस्तान आतंकवाद खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई करे: भारत, अमेरिका
विदेश सचिव विजय गोखले और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के बीच सोमवार को हुई वार्ता में भारत और अमेरिका इस बात पर सहमत हुए कि पाकिस्तान को आतंकवादी ढांचे को नेस्तनाबूद करने के लिए ‘‘ठोस कार्रवाई’’ करने की जरूरत है। गोखले और पोम्पियो के बीच पुलवामा आतंकी हमले के बाद विदेश नीति और सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, प्रथम मंत्री स्तरीय 2+2 वार्ता के लिए सितंबर 2018 में अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पियो के भारत की यात्रा करने के बाद से जारी भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की गुणवत्ता तथा इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति पर दोनों देशों ने संतोष प्रकट किया। विदेश सचिव ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत को अमेरिका से मिले समर्थन के लिए अमेरिकी सरकार और पोम्पियो की सराहना की।
पोम्पियो ने सीमा पार (पाकिस्तान) से होने वाले आतंकवाद के बारे में भारत की चिंताओं को समझने की बात कही। बयान में कहा गया है कि वे इस बात पर सहमत हुए कि पाकिस्तान को आतंकी ढांचों को नेस्तनाबूद करने और अपनी सरजमीं पर सभी आतंकी संगठनों के पनाहगाह को बंद करने के लिए ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है। वे इस बात पर भी सहमत हुए कि जो लोग/देश किसी भी रूप में आतंकवाद का समर्थन करते हैं, या बढ़ावा देते हैं उन्हें जवाबदेह ठहराया जाए। पाकिस्तान के बालाकोट में ‘जैश-ए-मोहम्मद’ के ठिकाने पर भारतीय वायुसेना के हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के मद्देनजर इस वार्ता को अहम माना जा रहा है।
पुलवामा हमले के बाद भारत-पाक के बीच बढ़ा तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद से तनाव बढ़ गया है, जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) पर आत्मघाती हमला हुआ। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए। हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली। लेकिन पाकिस्तान ने फिर भी उसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया। इसके बाद भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट स्थित जैश के ठिकाने पर हवाई हमला किया। इसके अगले दिन पाकिस्तान ने भारत के सैन्य प्रतिष्ठान पर हमला कर दिया। उन्होंने भारत का मिग-21 गिराया और उसके पायलट अभिनंदन वर्तमान को हिरासत में ले लिया। वहीं भारत ने पाकिस्तान का एफ-16 गिराया।