कश्मीर को लेकर बौखलाए पाकिस्तान की संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में एक बार फिर हार हुई है। 42 वें यूएनएचआरसी के सत्र में कश्मीर पर प्रस्ताव लाने के लिए पाकिस्तान को समर्थन नहीं मिला। अधिकांश सदस्य देशों ने कश्मीर पर प्रस्ताव रखने के लिए पाकिस्तान का समर्थन करने से इनकार कर दिया।
दरअसल, कश्मीर पर प्रस्ताव पेश करने की आज आखिरी तारीख थी, लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं कर पाया। प्रस्ताव पेश करने के लिए कम से कम 16 देशों के समर्थन की जरूरत थी। दुनिया के अलग-अलग देशों के सामने जाकर कश्मीर पर पाकिस्तान समर्थन जुटाने में नाकाम रहा। जिनेवा में यूएनएचआरसी का 42वां सत्र चल रहा है।
यूएनएचआरसी में भारतीय दल ने रखा अपना पक्ष
यूएनएचआरसी में 47 देश हिस्सा ले रहे हैं और भारतीय दल भी मजबूती से अपना पक्ष रखता है। भारतीय दल का नेतृत्व राजनयिक अजय बिसारिया कर रहे हैं। बिसारिया पूर्व में पाकिस्तान में भारत के हाई कमिश्नर रह चुके हैं। कश्मीर मुद्दे पर इस्लामाबाद के झूठे आरोपों का जवाब देने के लिए भारतीय दल ने खासी तैयारी की है।
जानें क्या कहता है नियम
नियम कहता है कि किसी भी देश के प्रस्ताव पर कार्रवाई करने से पहले न्यूनतम समर्थन की जरूरत होती है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस्लामाबाद से जिनेवा के लिए रवाना होने से पहले कश्मीर पर प्रस्ताव का वादा किया था। यूएनएचआरसी में इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) के 15 देश हैं। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि वह इसके बाद समर्थन जुटा लेगा। कश्मीर के मुद्दे पर एक संयुक्त बयान के प्रबंधन के बाद भी इस्लामाबाद वोट नहीं जुटा पाया।
इससे पहले पाक पीएम की हुई थी किरकिरी
इससे पहले यूएनएचआरसी से संबंधित एक झूठे दावे को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की खूब किरकिरी हुई थी। इमरान खान ने दावा किया था कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान को 58 सदस्य देशों ने समर्थन दिया है जबकि यूएनएचआरसी में केवल 47 सदस्य ही हैं।
कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला
भारत, कश्मीर को भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मामला मानता है और कहता है कि इसमें तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। बावजूद इसके पाकिस्तान कभी अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मदद लेने की बात करता है तो कभी वह दुनिया के सामने कश्मीर को लेकर झूठे दावे करता है। हालांकि भारत ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट कर दिया है कि सीमा पार से हमले और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते हैं।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को खत्म किए जाने को लेकर बौखलाया है पाक
बता दें कि भारत ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म कर दिया था। तभी से पाकिस्तान इस फैसले को लेकर बौखलाया हुआ है।