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शाही मंजूरी के बाद पैतोंगतार्न शिनावात्रा थाईलैंड की प्रधानमंत्री बनीं, पीएम मोदी ने दी बधाई

थाइलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की बेटी पैतोंगतार्न शिनावात्रा रविवार को शाही...
शाही मंजूरी के बाद पैतोंगतार्न शिनावात्रा थाईलैंड की प्रधानमंत्री बनीं, पीएम मोदी ने दी बधाई

थाइलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा की बेटी पैतोंगतार्न शिनावात्रा रविवार को शाही मंजूरी पत्र मिलने के बाद देश की प्रधानमंत्री बन गईं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री बनने पर रविवार को पैतोंगतार्न शिनावात्रा को बधाई दी।

थाइलैंड की संसद ने थाकसिन शिनावात्रा की सबसे छोटी बेटी पैतोंगतार्न शिनावात्रा को शुक्रवार को देश की नयी प्रधानमंत्री चुना था। पूर्ववती प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन को इससे दो दिन पहले संवैधानिक न्यायालय ने नैतिकता उल्लंघन के कारण पद से हटा दिया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स के माध्यम से कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने थाईलैंड की प्रधानमंत्री बनने पर रविवार को पैतोंगतार्न शिनावात्रा को बधाई दी और कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को लेकर आशान्वित हैं।

पैतोंगतार्न अब थाविसिन की जगह फेउ थाई पार्टी की नयी नेता होंगी और उस गठबंधन का नेतृत्व करेंगी, जिसमें पार्टी की पिछली सरकार को अपदस्थ करने वाले तख्तापलट से जुड़े सैन्य दल शामिल हैं।

पैतोंगतार्न थाईलैंड की कमान संभालने वाली शिनावात्रा परिवार की तीसरी सदस्य बन गई हैं। इससे पहले उनके अरबपति पिता थाकसिन शिनावात्रा और चाची यिंगलक शिनावात्रा इस पद पर रह चुकी हैं। पैतोंगतार्न अपनी चाची के बाद थाईलैंड की दूसरी महिला प्रधानमंत्री बनी हैं। थाकसिन और यिंगलक को तख्तापलट के जरिये सत्ता से बेदखल कर दिया गया था और उन्हें देश छोड़कर जाना पड़ा था, लेकिन फेउ थाई पार्टी के सरकार बनाने पर थाकसिन पिछले साल थाईलैंड लौट आए थे।

पैतोंगतार्न को बैंकॉक स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया, जिसमें सत्तारूढ़ गठबंधन के वरिष्ठ सदस्य और उनके पिता भी उपस्थित थे। थाकसिन की कोई औपचारिक भूमिका नहीं है, लेकिन उन्हें फ्यू थाई पार्टी का वास्तविक नेता माना जाता है।

पिता-पुत्री एक ही कार में आए और मुस्कुराते हुए एवं एक-दूसरे का हाथ थामे हुए साथ-साथ चलते नजर आए।

पैतोंगतार्न ने थाई नरेश, लोगों और सांसदों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह अपने कर्तव्यों का पालन ‘‘खुले दिमाग से’’ करेंगी और ‘‘थाईलैंड को एक ऐसा स्थान बनाएंगी, जो थाई लोगों को सपने देखने, सृजन करने और अपना भविष्य स्वयं तय करने का अवसर प्रदान करेगा।’’

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