राजनीति और भौगोलिक बाधाओं के बावजूद भारत- अफगानिस्तान की साझेदारी के फलने फूलने को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के संविधान के ढांचे के भीतर और रंचमात्र हिंसा के बिना अफगानिस्तान की अगुवाई और उसके अपने मालिकाना इख्तियार की सफलता दोनों के साझा हित में है। व्यापक द्विपक्षीय संबंधों पर गनी के साथ समग्र वार्ता के बाद मोदी ने भारत की यात्रा पर आए अफगानी नेता के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वह अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता के लिए गनी के दृष्टिकोण के प्रति भारत के समर्थन का संदेश देते हैं।
उन्होंने कहा, अफगानिस्तान की अगुवाई और उसके अपने इतिख्यार वाली प्रक्रिया की सफलता में साझा हित निहित हैं। यह अफगानिस्तान के संविधान के ढांचे के भीतर और बिना किसी हिंसा के होना चाहिए। मोदी ने कहा, इससे पिछले 14 साल की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक प्रगति को मजबूती मिलनी चाहिए और इससे अफगान महिलाओं समेत समाज के सभी वर्ग के अधिकारों और आकांक्षाओं का संरक्षण होना चाहिए। अफगानिस्तान में पिछली सरकार द्वारा हिंसा को समर्थन देने का आरोप झेलने वाले पाकिस्तान का नाम लिए बिना मोदी ने कहा, इस प्रक्रिया की सफलता के लिए पड़ोसियों द्वारा हिंसा को समर्थन देना बंद करने के साथ ही सकारात्मक और सृजनात्मक नजरिया अपनाने की जरूरत है।