बांग्लादेश की राजधानी ढाका में शुक्रवार रात को हुए आतंकी हमले में मारी गई भारतीय लड़की तारिषी जैन गर्मियों की छुट्टी के चलते यहां आर्इ हुई थी। तारिषी के पिता संजीव जैन का ढाका में कपड़ों का कारोबार है। वे 15-20 साल से वहां रह रहे थे। उनका परिवार वहां के पॉश एरिया गुलशन में रहते हैं। सूत्रों के अनुसार तारिषी को मारे जाने से पहले उसे प्रताडि़त किया गया। एक सूत्र ने बताया, ”उनकी चोटों से यह साफ दिखता है।”
इस हमले में तारिषी के दोस्त अबिंता कबीर और फराज हुसैन भी मारे गए। तारिषी ने ढाका में अमेरिकन इंटरनेशनल स्कूल से पढ़ाई की। वर्तमान में वह कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी में पढ़ रही थी। तारिषी का अंतिम संस्कार भारत में किया जा सकता है। उनके रिश्तेदार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद में रहते हैं। इसी हमले के दौरान डॉ. सत्यपाल बाल बाल बच गए। वे बांग्लादेश में डॉक्टर के रूप में काम करते हैं। वे फोन पर बात करने के लिए बाहर निकले ही थे और हमलावर कैफे में घुस गए। कैफे गुलशन झील के सामने स्थित है और सत्यपाल झाडि़यों के पास खड़े हुए थे।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में अब तक के सबसे भीषण आतंकी हमले में जान गंवाने वाले 20 लोगों को यहां एक शोक सभा में समूचे देश की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित की। राजनायिकों, राजनीतिग्यों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने ढाका छावनी में ढाका आर्मी स्टेडियम में एक सभा के दौरान मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। शोकसभा में एक मंच पर ताबूत रखे गए थे, जिनपर भारत, इटली, बांग्लादेश, जापान और अमेरिका के झंडे लपेटे गए थे। यह झंडे हमले में मारे गए लोगों के संबधित देशों के थे। हसीना ने मृतकों के ताबूत पर पुष्प चक्र चढ़ाए।