समझौते पर यहां एक विशेष समारोह में चीन की ओर से विदेशी मंत्री वांग ई और बैंक की ओर से कामथ ने हस्ताक्षर किए। जी20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के प्रमुखों की बैठक के दौरान अलग से हुए समारोह में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन, चीन में भारत के राजदूत विजय गोखले और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्टीन लैगार्द भी उपस्थित थीं।
बैंक ने शंघाई नगरपालिका के साथ एक अलग समझौता किया है। इसके बाद यह बैंक चीन की भूमि से अपना कारोबार करने को बाकायदा अधिकृत कर दिया गया है। कामत ने हस्ताक्षर समारोह को इस नए बैंक की यात्रा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि यह आने वाले समय में एक प्रतिष्ठित संस्थान होगा।
इस बैंक के संस्थापकों में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इसके सदस्य देशों की ओर से आई 50 अरब डॉलर की चुकता पूंजी से पिछले साल से काम शुरू कर दिया है। इसमें प्रत्येक देश का बराबर बराबर योगदान किया है। ब्रिक्स देश शुरू में एक अरब डालर का अंशदान कर चुके हैं। कामथ ने कहा है कि यह बैंक इस साल अप्रैल से कर्ज देना शुरू कर देगा।