स्थानीय मीडिया के अनुसार, दक्षिण कोरिया के इस परीक्षण से एक दिन पहले उत्तर कोरिया ने जापान सागर में एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी थी। उत्तर कोरिया ने यह मिसाइल चीन-अमेरिका शिखर सम्मेलन से पहले दागी थी। इस शिखर सम्मेलन में प्योंगयांग का बढ़ता परमाणु हथियार कार्यक्रम एजेंडे में शीर्ष पर रहने की संभावना है। दक्षिण कोरिया को अमेरिका ने सुरक्षा प्रदान की है और देश में हजारों अमेरिकी सैनिक मौजूद हैं।
दक्षिण कोरिया ने वर्ष 2012 में उत्तर कोरिया के परमाणु खतरों से अपनी रक्षा के लिए अपनी बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली की मारक क्षमता तीन गुणा अधिक करने के लिए अमेरिका के साथ एक समझौता किया था और उस समय से वह अधिक दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइलों को भी विकसित कर रहा है।
मीडिया के अनुसार, 800 किलोमीटर (500 मील) की मारक क्षमता वाली दक्षिण कोरिया की मिसाइल प्योंगयांग को रोकने में अहम हो सकती है। मिसाइल का परीक्षण सफल रहा। दक्षिण कोरिया नई मिसाइल की विश्वसनीयता की परख के लिए और अधिक परीक्षण करने के बाद इसे इस वर्ष तैनात करने की योजना बना रहा है।
मीडिया ने बताया कि अगर यह मिसाइल देश के दक्षिणी क्षेत्र से भी दागी जाती है तो भी यह पूरे उत्तर कोरिया को अपने घेरे में ले सकती है। भाषा