सऊदी के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की जांच के मामले में गिरफ्तार किए गए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दो लोगों को दस दिन पहले गिरफ्तार किया गया था जिनमें एक ने जेल में फांसी लगाकर जान दे दी।
"राजनीतिक, सैन्य और "अंतरराष्ट्रीय जासूसी" के आरोप में इस महीने की शुरुआत में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। यह दोनों जासूस सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के तुरंत बाद वे इस्तांबुल पहुंचे थे लेकिन यह अभी पता नहीं चल पाया है कि खशोगी हत्या के मामले से जुड़े थे या नहीं।
इस्तांबुल में पिछले साल अक्टूबर में संदिग्ध परिस्थितियों में खशोगी को मौत के घाट उतार दिया गया था।तुर्की और अमेरिका की खुफिया एजेंसियों का मानना है कि खशोगी की हत्या सोची-समझी रणनीति के तहत की गई थी।
जाधव का मामला अंतरराष्ट्रीय अदालत में
इससे पहले कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल, 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में मृत्युदंड की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान का दावा कि उसके सुरक्षाबलों ने जाधव को तीन मार्च, 2016 को बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार किया था जहां वह ईरान से कथित रूप से घुस गये थे। वहीं, भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया जहां वह नौसना से सेवानिवृत्ति के बाद अपने कारोबार के सिलसिले में गये थ। यह मामला अभी अंतरराष्ट्रीय अदालत में है।